Monday, June 23, 2025

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बार अभ्यारण्य में दो तेंदुए की सड़ी गली शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप

वन विभाग की कार्यशैली पर उठ रही उंगलियां

पिथौरा। बार अभ्यारण्य से लगे लवन वन परिक्षेत्र अंतर्गत सोमवार को दो तेंदुए की सड़े गले शव मिलने से वन विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। ज्ञात हो कि कोई माह भर के भीतर ही देवपुर परिक्षेत्र में भी एक हाथी का सड़ा गला शव मिला था। दोनों ही मामलों में वन विभाग ने दोनों के शव का पोस्टमॉर्टम करा कर उनका अंतिम संस्कार करा अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है।जानकारी के अनुसार लवन वन परिक्षेत्र में अल्दा गांव के कक्ष क्रमांक 114 में तालाब के पास 10 मीटर की दूरी के अंतराल में दो तेंदुए की क्षत-विक्षत सड़ी गली लाश मिली थी। एक साथ दो तेंदुए की लाश मिलने से वन विभाग सहित आस पास क्षेत्र के ग्रामीण एवं वन्य जीव प्रेमी सकते में है। ज्ञात हो कि वन मंडल बलौदाबाजार में वन मंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल के आने के बाद 15 दिनों में ही शेड्यूल 01 के तीन वन्यप्राणी दो अलग अलग घटनाओं में मारे गए। पहली घटना देवपुर वन परिक्षेत्र में घटी थी जहां वन रक्षक के निवास से चंद कदमो में ही एक विशालकाय हाथी करंट से मारा जाता है।इस घटना की जानकारी वन विभाग को तब मिली ज़ब हाथी जैसे विशाल प्राणी का शव सड़ कर दुर्गंध फैलाने लगा था। उक्त घटना में वन रक्षक को निलंबित कर प्रभारी रेंजर से रेंजर का प्रभार ले लिया गया था। दूसरी घटना के संबंध में रविवार को तब पता चला जब 2 तेंदुआ के शव की दुर्गंध जंगल से गांव तक पहुंची।
शेड्यूल 1 के वन्य प्राणियों की किसी भी कारण से मौत हो जाना गंभीर घटना तो है ही पर उससे भी गंभीर घटना महीनों तक इसका पता वन कर्मियों के माध्यम से वन अफसरों को नहीं लगना है।जानकर बताते हैं कि वन अमले को शिकार और अन्य वन अपराधों को रोकने के लिए प्रतिदिन वनों में गश्त अनिवार्य है। पर  दुर्गंध से वन्य प्राणियों की मौत का पता लगना यह बताता है कि अब वनों में गश्त नहीं की जाती बल्कि वन्य प्राणियों और वन संपदा को उनके हाल पर ही छोड़ दिया गया है।

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