महासमुंद। पिछले चार दिनों से मौसम में आए बदलाव से जिले के अलग- अलग इलाकों में तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि हो रही है । गुरूवार शाम एक बार फिर आंधी- तूफान के साथ बारिश से जन जीवन प्रभावित रहा । वहीं आंधी और बारिश के साथ ओलावृष्टि रबी फसल के लिए आफत बनकर आई है। इधर ,मौसम विभाग द्वारा अगले तीन दिन और यलो कार्ड जारी करने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हंै।
बता दें कि प्रदेश के ऊपर बने उत्तर-दक्षिण द्रोणिका और ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से 27 अप्रैल से प्रदेश के अनेक हिस्सों में तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि की शुरूआत हुई जिसका व्यापक असर जिले में देखने को मिला। पिछले पांच दिनों से हर शाम आंधी तूफान के साथ बारिश हो रही है। गुरूवार को भी चली धूलभरी आंधी, बारिश ने लगभग पूरे जिले में तबाही मचाई। इस दौरान हवा का दबाव इतना अधिक रहा कि कई स्थानों में पेड़ गिरने , विद्युत तार और पोल गिरने से घंटों विद्युत व्यवस्था चरमरा गई जिससे शहर के कई स्थानों में घंटों बिजली बंद रही। तेज हवा से सड़कों पर लगे बैनर पोस्टर ,स्लम बस्ती के छप्पर उड़ गए। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटो में प्रदेश के 10 जिलों में आंधी तूफान की चेतावनी दी है जिसमें महासमुंद जिला भी शामिल है। विभाग के अनुसार इन जिलों में 40-50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती है इसके अलावा ओलावृष्टि की भी संभावना है।
ओलावृष्टि से फसल बर्बाद
पिछले दिनों जिले में हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। मंगलवार को ग्राम जलकी, छपोरा, अचानकपुर, बंदोरा, पटेवा, झलप, फुसेराडीह, बांसकुड़ा, बिरबिरा, नवागांव, खट्टा, घुघली के किसान कलेक्टोरेट पहुंचकर मुआवजे के लिए कलेक्टर से फरियाद की। किसानों ने बताया कि बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने सिरपुर , पटेवा , झलप क्षेत्र के दर्जनभर से ज्यादा गांवों में ओलावृष्टि से रबी सीजन की धान की फसल बर्बाद हो गई है। धान की फसल खेतों में गिर गई हंै जिससे बालियां झड़ गई है। सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद हो गई है।