
*कोरबा/पाली:-* वट सावित्री व्रत के चलते गुरुवार को सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखते हुए बरगद पेड़ की पूजा की और आशीर्वाद लिया। बताया जाता है कि सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत विशेष महत्त्व रखता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावित्री नाम की महिला ने अपने सुहाग यानि पति के प्राणों की रक्षा के लिए वट वृक्ष के नीचे यमराज की पूजा की, जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने सत्यवान की आयु बढ़ा दी। सुहागन स्त्रियां देवी सावित्री की तरह ही वटवृक्ष के नीचे पूजा करती हैं और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। हिंदू धर्म में महिलाएं पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य की कामना में कई व्रत रखती हैं। इनमें एक प्रमुख व्रत है वट सावित्री का व्रत। यह व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रखा जाता है। इस वर्ष यह व्रत बीते 6 जून गुरुवार को था। इस दिन महिलाओं ने वट सावित्री का व्रत रखकर बरगद के वृक्ष की पूजा करने के साथ देवी सावित्री के पति प्रेम और पतिव्रत धर्म को स्मरण कर अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना की। सावित्री की कथा के अनुसार देवी सावित्री ने पति के प्राणों की रक्षा के लिए विधि के विधान को बदल दिया था। अपने सतीत्व और कठोर तपस्या से सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाने पर विवश कर दिया था। यमराज ने वटवृक्ष के नीचे ही सत्यवान के प्राण लौटाए थे और वरदान भी दिया था कि जो सुहागिनें वटवृक्ष की पूजा करेंगी, उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलेगा। इसी के तहत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य की कामना कर वट सावित्री का व्रत रख वटवृक्ष की पूजा करती है।
