
दूसरे दिन कबड्डी खिलाड़ी हुए परेशान, रात के समय नहीं मिला भोजन
जांजगीर-चांपा(संवाद साधन)। जिला मुख्यालय जांजगीर के हाईस्कूल मैदान में चल रहे छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में अव्यवस्था का आलम है। उद्घाटन समारोह के लिए छपे आमंत्र कार्ड में जहां अतिथि का नाम नहीं था वहीं मौक पर जो जनप्रतिनिधि पहुंचे उन्हीं के हाथों उद्घाटन करा दिया गया। वहीं बारिश होने के साथ ही खिलाड़ी कीचड़ के बीच खेलने को मजबूर हुए। वहीं दूसरे दिन का खेल भी अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई। सुबह से मैदान में पुरूष वर्ग कबड्डी के खिलाड़ी इंतजार करते रहे मगर उनका खेल नहीं हो सका। ऐसे में कबड्डी खिलाड़ियों का पूरा एक दिन खराब हो गया और उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।
गौरतलब है कि 4 सितंबर से जिला मुख्यालय के हाईस्कूल मैदान में तीन छत्तीसगढ़िया ओलंपिक चल रहा है। यहां खेल के शुभारंभ के साथ ही अव्यवस्था का आलम है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के शुभारंभ के लिए किसी जनप्रतिनिधि को सम्मान के साथ आमंत्रण नहीं दिया गया। जिसके कारण छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचे। सत्ता पक्ष के कुछ जनप्रतिनिधियों ने बताया कि प्रशासन के तरफ से उन्हें आमंत्रण कार्ड नहीं दिया गया है और न ही आयोजन के संबंध में कोई जानकारी दी गई है। इसके चलते उन्होंने इस आयोजन से दूरी बना ली है। सोमवार को दोपहर में हुई वर्षा के बाद हाईस्कूल मैदान में पानी भर गया, जिसकी वजह से पूरा मैदान कीचड़ से सराबोर हो गया। ऐसे में दोपहर बाद हुई शंखली, रस्साकसी के खेल कीचड़ भरे मैदान में कराया गया। जिसके कारण खिलाड़ियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। कीचड़ के कारण कई खिलाड़ी फिसलकर गिर गए और चोटिल हो गए। अव्यवस्था के चलते छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में भाग लेने आए खिलाड़ियों और उनकों साथ लेकर आए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरे दिन कबड्डी पुरूष के खिलाड़ी बास्केट बाल मैदान में सुबह से इंतजार करते बैठे रहे मगर उनका खेल कराने के तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। अधिकारियों ने वर्षा होने के कारण मैट गिला होने और व्यायाम शिक्षकों की कमी की बात कहकर दोपहर बाद खेल कराने की बात कही। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन जिला प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय प्रशासन विकास विभाग के द्वारा किया गया है, मगर उद्घाटन समारोह के बाद जिम्मेदार विभाग के अधिकारी मौके से गायब हो गए। खेल आयोजन की जिम्मेदारी खेल एवं युवा कल्याण विभाग और स्कूलों के व्यायाम शिक्षकों के भरोसे छोड़ दिया गया। प्रतियोगिता में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को नकद राशि देकर पुरस्कृत किया जाता है, मगर पहले दिन हुए पिठ्ठूल, शंखली, रस्साकसी, भवंरा और बिल्लस के विजेता खिलाड़ियों को स्मृति चिन्ह दिया गया। पुरस्कार की राशि खाते में डालने की बात कही गई है।
रात 8 बजे तक हुआ खेल, नहीं मिला भोजन
दूसरे दिन आयोजित विभिन्न खेल शाम तक नहीं हो सके थे। जिसमें महिला वर्ग कबड्डी खेल का आयोजन सांस्कृतिक भवन में रात 8 बजे तक चलते रहा। ऐसे में जिले के सभी पांच ब्लाक से आए इन खिलाड़ियों को भूखे पेट लौटना पड़ा। दरअसल जिला प्रशासन द्वारा केवल एक टाईम का नास्ता और भोजन की व्यवस्था किया गया है। जबकि खेल रात आठ बजे तक खेलाया जा रहा है। ऐसे में रात में भी खिलाड़ियों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए थी ।
कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए लगाई फटकार
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक आयोजन के लिए नोडल अधिकारी जिला पंचायत सीईओ को बनाया गया है। ऐसे में आयोजन की पूरी जिम्मेदारी जिला पंचायत के अधिकारियों के ऊपर है मगर जिम्मेदार अधिकारी सरकार के इस महत्वपूर्ण आयोजन को औपचारिक बनाने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जानकारी मिली है कि कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने आयोजन की जिम्मेदारी संभाल रहे उपसंचालक पंचायत सहित अन्य अधकारियों को बुलाकर आमंत्रण कार्ड में हुई त्रुटि और अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई है।