Monday, June 30, 2025

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पुत्र ने ही की माता-पिता और दादी की हत्या

आरोपी ने हत्या कर सबूत मिटाने शवों को जलाया,पुलिस को गुमराह करने तीनों की लिखाई गुमशुदगी रिपोर्ट  

महासमुंद। अनुकंपा नियुक्ति पाने की लालच, बुरी आदतों के लिए पैसों की जरुरत ने बेटे को माता-पिता और दादी का हत्यारा बना दिया। आरोपी पुत्र ने सो रहे तीनों पर हॉकी स्टीक से वार कर पहले हत्या की और दो दिनों तक लाश को छुपाकर रखा, बाद तीनों के शव को घर की बाड़ी में ही जलाकर उनके अवशेषों को गड्ढे में दबा दिया।  पश्चात पुलिस को गुमराह करने माता-पिता और दादी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ धारा 302, 201 के तहत जुर्म दर्ज किया है।
पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि थाना सिंघोड़ा ग्राम पुटका निवासी उदित भोई (24) ने बीते 12 मई को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके पिता प्रभात भोई (53), मां झरना भोई (47) और दादी सुलोचना भोई (75) 8 मई को रायपुर इलाज के लिए कहकर गए पर अभी तक वापस नहीं आए। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर तीनों की तलाश शुरू की। इसी बीच प्रभात भोई का दूसरा पुत्र अमित भोई जो रायपुर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था, घर आया तो उसे उक्त घटना की जानकारी हुई। दूसरे दिन वह घर की बाड़ी में गया तो कुछ जलने का निशान देखा जब राख हटाई तो मानव हड्डी के टुकड़े मिले। उसने घर की तलाशी ली तो उसे हॉल और बाथरुम की दीवार पर खून के छींटे मिले कुछ अनहोनी होने की शंका पर अमित ने सिंघोड़ा थाने में इसकी जानकारी दी।  सूचना पर पुलिस घटना स्थल पर मिले साक्ष्य के आधार पर प्रथम दृष्टया गुमशुदा तीनों की हत्या का मामला प्रतीत हुआ।


रुपए की मांग को लेकर हुआ था विवाद

एसपी श्री सिंह ने बताया कि घटना को हत्या का मामला मानकर पुलिस ने जब जांच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि प्रभात भोई पत्नी झरना, मां सुलोचना और पुत्र उदित भोई एक साथ रहते थे। उदित नशे का आदि था। अनुकंपा नियुक्ति और नशे के लिए रुपए की जरुरत को लेकर आएदिन उसका विवाद माता-पिता और दादी से होता था। संदेह होने पर पुलिस ने उदित को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आया। श्री सिंह ने बताया कि हाल ही में उदित का रुपए की मांग को लेकर पिता से विवाद हुआ था, जिससे वह नाराज था। 7-8 मई की रात करीब दो बजे उसने अलग-अलग कमरे में सो रहे माता-पिता और दादी पर हॉकी स्टीक से उनके सिर पर प्राणघातक हमला कर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को बाड़ी में बने बाथरुम में छिपा दिया और दो दिन बाद 10-11 मई की रात तीनों शवों को घर में रखी लकड़ी से जला दिया। पश्चात राख और हड्डी को वहीं पास के गड्डे में दबा दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने पहले तीनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई और पिता के फोन-पे से खरीदी करने लगा। पुलिस ने आरोपी के पास से हॉकी स्टीक सहित हत्या में प्रयुक्त अन्य सामग्रियां जप्त की।

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