चार साल में 7 लाख 23 हजार से ज्यादा प्रकरण निराकृत
महासमुंद। लोक सेवा गारंटी अधिनियम का लाभ अब जनसामान्य को मिलने लगा है। सरकार की मंशा के अनुरूप सभी शासकीय कार्यालयों में लोकसेवा गारंटी के तहत् अधिसूचित सेवाएं समय-सीमा में उपलब्ध होने से शासन-प्रशासन के प्रति जन विश्वास भी बढ़ा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार विगत ढाई वर्ष (1 जनवरी 2019 से 23 दिसम्बर 2022) तक में 7,23,055 प्रकरण निराकृत हुआ। जिले में लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू होने के बाद जिले में अब तक विभिन्न विभागों से लगभग 75 विषयों से संबंधित शुरुआत से अब तक कुल 8,17,315 आवेदन मिले थे। जिसमें से 7,23,055 आवेदन समय सीमा में निराकृत किए गए। इसमें से कुछ वापस और कुछ दस्तावेजों की कमी के कारण निरस्त हुए। जानकारी अनुसार मुख्य तौर पर अब तक सबसे ज्यादा आय प्रमाण पत्र के 3,14,447, मूल निवास प्रमाण पत्र के 1,31,866 आवेदन, अन्य पिछड़ वर्ग प्रमाण पत्र के 67231 आवेदन निराकृत किए गए। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र के 48,375 इसी प्रकार भुइयां से नकल (भूमि दस्तावेज आदि) के लिए 30,671 एवं जन्म पंजीकरण एवं प्रमाण पत्र के 13,630 निराकृत किए गए।
किसान बताते हैं कि पहले पटवारी तहसील का चक्कर लगाने के साथ ही अधिक रूपए भी खर्च करने पड़ते थे, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने लोक सेवा गारंटी योजना को कड़ाई से लागू कर हम जैसे किसानों की मुश्किलें दूर कर दी है। किसान चंद्रपाल ने लोकसेवा केंद्र से नक्शा, खसरा, बी-वन, बी-टू की प्रमाणित प्रति निकलवाया था। उसने बताया कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम से उसे भी मिनटों में बहुत ही कम शुल्क में प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध हो गये थे। बता दें कि लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं का लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत समय-सीमा एवं शुल्क संबंधित दस्तावेजों के आधार पर निर्धारित है। जाति प्रमाण-पत्र के लिए समय सीमा 30 दिन एवं शुल्क तीस रुपए, निवास एवं आय प्रमाण के लिए समय सीमा 30 दिन एवं शुल्क तीस रुपए, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए समय सीमा सात दिन एवं शुल्क 30 रुपए, मिसल के लिए समय सीमा सात दिन शुल्क दस रुपए निर्धारित है। लोक सेवा केंद्रों में खसरा, नक्शा, बी-वन जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज आवेदन देने के साथ ही प्रदान किया जाता है। इसके लिए स्केनिंग, कंप्रेसिंग एवं प्रति पृष्ठ पांच रूपये की दर से प्रिंटिंग शुल्क लिया जाता है।