महासमुंद। विजय दिवस पर जनसामान्य के सहयोग से निर्मित शहीद स्मारक महासमुंद में 16 दिसंबर को कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर आशीष कुमार दास ग्रुप कमांडर एनसीसी उपस्थित थे। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह बतौर विशेष अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम शाम 5 बजे दीप प्रज्जवलन कर प्रारंभ किया गया। तत्पश्चात 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद कर शहीद स्मारक में रिथ लेइग सेरिमनी में अतिथियों ने वीर शहीदों को पुष्प अर्पण किया। कार्यक्रम का प्रारंभ माता कर्मा महाविद्यालय की छात्राओं ने राजकीय गीत से किया। विजय दिवस पर आकर्षण कारगिल युद्ध एवं 1971 की दोनों देशों के बीच हुई संधि का वीडियो दिखाया गया, जिससे वहां उपस्थित दर्शकों के रोंगटे खड़े हो गए। कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए स्कूली एवं रिवलडेल के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने देशभक्ति नृत्य एवं नाटक की प्रस्तुति दी। आजादी के अमृत महोत्सव पर महिला सशक्तिकरण पर वीडियो दिखाकर रिटायर्ड मेजर माधुरी गुप्ता ने महिलाओं द्वारा देश के विकास पर किए जा रहे साहसिक कार्यों के विषय में जानकारी साझा की,जो कि महिलाओं के विचारों को उत्साहित करने वाला था। इस क्रम में महासमुंद एवं बागबाहरा से उपस्थित सभी महिलाओं को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर आशीष कुमार दास ग्रुप कमांडर एनसीसी ने अपना अनुभव बताते हुए माहौल को गमगीन कर दिया। सभी अतिथियों ने देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत होकर अपने अपने विचार रखे।
जिला पूर्व सैनिक कल्याण परिषद से उपस्थित रिटायर्ड कैप्टन अनुराग तिवारी ने भारत पाकिस्तान युद्ध की स्मृतियों को जनमानस के सम्मुख साझा किया। बार काउंसलिंग के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि सैनिक कभी पूर्व नहीं होता वह तमाम उम्र एक सैनिक का जीवन जीता है।
कार्यक्रम में प्रमोद चंद्राकर, पारस चोपड़ा, घनश्याम सोनी, डॉ युगल चंद्राकर, अमर चंद्राकर, पूर्व सैनिक संघ के सदस्य युवराज चंद्राकर, पंकज चंद्राकर, मानिक साहू, प्यारे लाल साहू, दिव्येश वाणी, कन्हैयालाल सोनी, नारायण चंद्राकर, प्रदीप चंद्राकर, कनक राम निषाद मुकेश साहू, डी नायक, सहदेव ध्रुव, सनत वर्मा, एनके सिन्हा, लक्ष्मीचंद मायाराम साहू, शेष नारायण साहू, अंजना चंद्राकर, ज्योति चंद्राकर, पूर्णिमा निषाद, दीपाली वर्मा, श्रद्धा पांडे, सुमन पांडे, पूरी हरपाल, उषा चंद्राकर, द्रोपति ठाकुर, यानी दुबे, मुकेश चन्द्राकर आदि मौजूद रहे।