दिवाली के बाद ग्राहकी कमजोर
महासमुंद। दिवाली और देवउठनी पर्व के बाद इन दिनों बाजार में ग्राहकी कमजोर हो गई है। वजह एक ओर जहां कुछ किसान खेतों में धान कटाई में व्यस्त हैं तो वहीं कुछ खरीदी केन्द्रों में धान बेचने और कुछ किसान धान खरीदी के बाद खातों में आई राशि निकालने बैंकों में व्यस्त हैं।
इधर, कटाई में तेजी आने के बाद खरीदी ने भी रफ्तार पकड़ ली है। केन्द्रों में दिन-प्रतिदिन धान की आवक बढ़ती जा रही है। केन्द्र संचालकों की मानें तो आगामी 15 नवंबर के बाद धान खरीदी में और तेजी आएगी क्योंकि जिलेभर में करीब 60 फीसदी से अधिक किसान धान कटाई में जुट गए है। शुक्रवार को मुख्यालय से लगे झालखम्हरिया धान खरीदी केन्द्र में 33 किसान धान बेचने के लिए पहुुंचे। व्यवस्थापक भोजराम साहू ने बताया कि सोमवार से किसानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है जो आने वाले दो-चार दिनों में और बढ़ेगी। मुख्यालय के पिटियाझर खरीदी केन्द्र मेेंं भी दर्जनभर से अधिक किसान धान बेचने के लिए पहुंचे हैं। व्यवस्थापक दशरथ महानंद ने बताया कि कटाई शुरु होने से आवक बढ़ रही है।
*बिक्री के बाद बैंक पहुंच रहे किसान*
धान बेचने के बाद अब किसानों की भीड़ जिला सहकारी बैंक की शाखाओं में रकम निकालने के लिए लग रही है। बड़ी संख्या में किसान रकम निकालने के बैंक पहुंच रहे हैं। ज्ञात हो कि जिले में शासन ने पिछले 10 दिनों के अंदर कुल 13653 किसानों से 4 लाख 62447 क्विंटल धान की खरीदी की है जिसके एवज में किसानों को 60.71 करोड़ रुपए का भुगतान भी किसानों के खाते में कर दिया गया है। इसमें करीब 25 करोड़ रुपए बैंक से खरीफ फसल के लिए ऋण लेने वाले किसानों से लिंकिंग वसूली भी बैंक ने कर ली है।
*दिनभर खेतों में किसान, गांव में पसरा सन्नाटा*
धान पकने के बाद किसान पिछले एक सप्ताह से हर दिन सुबह से धान कटाई के लिए खेतों में पहुंच रहे हैं। किसानों के साथ परिवार के सदस्य और गांव के मजदूर भी उनके साथ खेतों में इन दिनों व्यस्त हैं जिससे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। दिनभर कटाई के बाद धान को बोरियों में भरने और उन्हें सुरक्षित रखने में किसानों का पूरा समय निकल जा रहा है। जिससे गांव में हर दिन सुबह और शाम को ग्रामीणों की बैठने वाली चौपाल नहीं लग पा रही है। इधर, मजदूर भी कटाई और धान भरने का कार्य मिलने से खुश है।