*00 आधा-अधूरा उपचार कराकर वापस लौट रहे मरीज*
महासमुंद। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दवाओं की कमी के बाद मरीजों को अब खून जांच नहीं होने की समस्या से जूझना पड़ रहा है। मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति जानने कई मुख्य टेस्ट कराने के लिए डॉक्टरों द्वारा पर्चियों में तो लिखा जा रहा है। पर कॉलेज के लैब में उक्त टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं।
इधर, उपचार के लिए पहुंच रहे मरीजों को डॉक्टरों द्वारा लिखे गए ब्लड टेस्ट मेंं पूरा टेस्ट नहीं होने से अधूरा उपचार कराकर वापस लौटना पड़ रहा है। मरीजों द्वारा डॉक्टरों के लिखे गए टेस्ट में से सीबीसी, सीआरपी और इलेक्ट्रालाइट जैसे प्रमुख टेस्ट नहीं होने की जानकारी दिए जाने पर मरीजों को टेस्ट बाहर से कराकर रिपोर्ट दूसरे दिन दिखाने कहा जा रहा है। यही कारण है कि मरीजों को दो तरह से परेशानी झेलनी पड़ रही है। एक तो टेस्ट बाहर कराना पड़ रहा है फिर टेस्ट की रिपोर्ट दिखाने के लिए उन्हें मेडिकल कॉलेज जाना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक अस्पताल में प्रतिदिन 3 सौ से अधिक मरीज उपचार कराने पहुंचते हैं जिनमें से 80 फीसदी मरीजों की बीमारी जानने डॉक्टर ब्लड टेस्ट की सलाह देते है। जिनमें अधिकांश मरीजों का टेस्ट न हो पाने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
*क्या कहते हैं मरीज*
सोमवार को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे मरीजों में बोरियाझर से अपनी भांजी अंजली विश्वकर्मा को उपचार के लिए लेकर आए रुखमण ने बताया कि उनकी पर्ची में तीन-चार प्रकार के ब्लड टेस्ट लिखे गए हैं जिसमें से एक-दो टेस्ट नहीं होने की जानकारी दी है। इसी तरह शहर से पहुंचीं सुखवंतिन को भी सीबीसी टेस्ट नहीं होने से वापस लौटना पड़ा उन्होने टेस्ट बाहर कराने की बात कही। अनिता यादव ने भी बताया कि उन्हें भी सीबीसी टेस्ट के साथ अन्य के लिए कहा गया था जिसमें सीबीसी नहीं हो पाया। इधर, अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती राजकुमारी के परिजनों को डॉक्टरों द्वारा लिखे गए ब्लड टेस्ट न होने से बाहर जाना पड़ा।
*रिजल का अभाव, की गई है मांग*
इस संबंध में अस्पताल की लैब प्रबंधक डॉ बिमला बंजारे का कहना है कि सीबीसी सहित कुछ प्रमुख टेस्ट के लिए रिजल (दवाई) का अभाव है। इसके लिए एमएस और डीन को पत्र लिखकर रिजल टेस्ट जारी रखने के लिए मांग की जा चुकी है। पर अब तक यह उपलब्ध नहीं कराया गया है जिससे टेस्ट नहीं हो पा रहे है। जैसे ही कॉलेज प्रबंंधन से रिजल उपलब्ध कराया जाता है वैसे ही टेस्ट शुरु कराया जाएगा। मामले में कारण जानने के लिए डीन यास्मीन खान से संपर्क किया तो उन्होनें कॉलेज की प्रवेश प्रकिया में व्यस्त होना बताते हुए बाद में बात करने कहा।
*तीन माह पूर्व दवाओं की कमी से जूझ रहे थे मरीज*
ज्ञात हो कि इससे पूर्व मेडिकल कॉलेज में मरीजों को कई आवश्यक दवाईयां न मिलने से परेशान होना पड़ रहा था। दवाईयां न होने की वजह प्रबंधन ने सीजीएमसी द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जाना बताया था।