⭕ इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत *सिंगल यूज प्लास्टिक विषय* पर बनाए आकर्षक पोस्टर,लिखे प्रेरक स्लोगन एवं निबंध।
⭕ इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों सिंगल यूज प्लास्टिक विषय पर निबंध लेखन कर व्यक्त किए अपने विचार,प्लास्टिक के हानिकारक पक्षों को दृढ़ता से किया लेखन के माध्यम से व्यक्त।
कोरबा– सिंगल-यूज प्लास्टिक के कई दुष्प्रभाव हैं, जिनमें पर्यावरण प्रदूषण, वन्यजीवों को नुकसान, और मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव शामिल हैं। यह गैर-बायोडिग्रेडेबल है, जिसका अर्थ है कि यह सैकड़ों वर्षों तक नष्ट नहीं होता है, जिससे यह पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा बन जाता है।
स्वच्छ भारत अभियान, 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू किया गया, एक क्रांतिकारी पहल है जो भारत को स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त बनाने का उद्देश्य रखती है। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य न केवल सफाई को बढ़ावा देना है, बल्कि स्वच्छता को हर नागरिक की जिम्मेदारी बनाना है।इस अभियान के अंतर्गत यूनिवर्सल में शौचालय निर्माण, कचरा प्रबंधन, और जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में सबसे पहले स्वच्छता को एक सामाजिक आंदोलन में बदल दिया गया। “स्वच्छता ही सेवा” जैसे अभियानों ने लोगों को अपने आस-पास की स्वच्छता के बारे में अधिक संदेश दिया। स्वच्छ भारत अभियान ने यह साबित कर दिया कि जब नागरिक, सरकार और समाज मिलकर काम करते हैं, तो बड़े पैमाने पर बदलाव संभव होते हैं। यह अभियान न केवल स्वच्छता का संदेश देता है, बल्कि एक बेहतर, स्वच्छ और स्वस्थ भारत का संदेश भी देता है।
*उपरोक्त सभी तथ्यों के मद्दे नजर* *इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों* स्वच्छता का महत्व बताने हेतु एवं स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु स्वच्छता से संबंधित संदेश देकर लोगों को जागरूक एवं प्रेरित करने का कार्य किया।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक विषय पर विद्यार्थियों ने बहुत ही प्रेरक निबंध लिखे साथ ही आकर्षक पोस्टर बनाए।विभिन्न स्लोगन्स लिखकर भी स्वच्छता का महत्व एवं प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को बताने का प्रयास किया।
विद्यालय में आयोजित इस प्रतियोगिता में अधिकांश विद्यार्थियों ने भाग लिया।सभी विद्यार्थियों ने प्लास्टिक से होने वाले दुष्प्रभाव एवं उसके विकल्प के बारे में बताने का प्रयास किया।सभी विद्यार्थियों ने प्रत्यक्ष रूप से प्लास्टिक के उपयोगन पर यथासंभव शीघ्रातिशीघ्र प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया एवं पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण पर ध्यानाकर्षित किया।प्रतियोगिता में विजित विद्यार्थियों को विशेष समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा।
*विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि*
सिंगल-यूज प्लास्टिक छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक्स कहा जाता है, जो पानी और मिट्टी में प्रवेश करते हैं, और खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करके मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करते हैं।
सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग कम करना, पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना, और प्लास्टिक के विकल्पों की तलाश करना पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
स्वच्छ भारत अभियान में न केवल सार्वजनिक स्वच्छता को सुनिश्चित किया गया है, बल्कि जल, वायु और भूमि प्रदूषण को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है। स्वास्थ्य, पर्यावरण और जीवन स्तर को हासिल करने के लिए यह देश अभियान एक ऐतिहासिक कदम है। इसके माध्यम से ‘स्वच्छता ही सेवा’ और ‘स्वच्छ ग्रामीण भारत’ जैसे कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया गया है। यह भारतीय समाज में स्वतंत्रता को एक आदतन बनाने के साथ-साथ सांस्कृतिक बदलाव का भी प्रतीक है। स्वच्छ भारत अभियान ने भारत को वैश्विक स्तर पर स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक आदर्श बनाया है।यदि हम इस अभियान को अपने जीवन में पूरी तरह से अपनाते हैं, तो हम एक साफ, सुंदर और स्वस्थ भारत का निर्माण कर सकते हैं, जो आने वाले कल के लिए आदर्श सिद्ध हो।इस अभियान ने न केवल भारत की स्वच्छता की दिशा को आगे बढ़ाया, बल्कि दुनिया में भारत की छवि को भी मजबूत किया।रही बात प्लास्टिक के उपयोग की तो यह बात तो सभी जानते हैं कि यह प्रत्येक दृष्टिकोण से पर्यावरण हेतु विष के समान है।समय रहते मानव समाज को प्लास्टिक रूपि इस दैत्य का संहार करना आवश्यक है अन्यथा भावी पीढ़ी का जीवन तकलीफों से भरा होगा।हमें विश्व स्तर पर प्लास्टिक के कम से कम उपयोग हेतु जागरूकता अभियान चलाना होगा क्योंकि पृथ्वी हम सबका घर है और इसकी स्वच्छता की जिम्मेदारी हम सभी की है।
