Friday, June 20, 2025

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प्रक्षिक्षण : कटघोरा ब्लाक की मितानिनों ने सीखा अपने काम की बारीकियां, आवासीय प्रशिक्षण में कई महत्त्वपूर्ण विषय पर दी गई जानकारी, प्रशिक्षक बोले- मितानिन पर अनावश्यक काम के लिए दबाव नहीं डाल सकते

*कोरबा/कटघोरा:-* मितानिन की जवाबदेही समुदाय के प्रति है। समुदाय ही मितानिन को चुनता है। मितानिन पर किसी काम के लिए दबाव नहीं डाला जाना है। मितानिन का काम है अच्छे स्वास्थ्य के लिए जो जरूरी है उसमें अपने पारा- टोला को मदद करना और उससे बचाव के लिए समुदाय को जागरूक व मजबूत बनाना है। मितानिन स्वास्थ्य और उससे जुड़ी हुई चीजों को समझाती है। वह अपने क्षेत्राधिकार में मुखिया का काम करती है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्राम अरदा में स्वास्थ्य मितानिन कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण के दौरान मितानिन की भूमिका विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान मितानिनों को बताया गया कि मितानिन को अनावश्यक सर्वे करने, फार्म भरने एवं रिपोर्टिंग के लिए कोई भी दबाव नहीं डाल सकता। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव ने नवंबर 2015 में आदेश जारी किया है। कई बार मितानिन को स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों द्वारा सर्वे करने, डेली रिपोर्टिंग करने, प्रपत्र भरने का दबाव डाला जाता है। ऐसा करना सही नहीं है। मितानिन समुदाय को जागरूक करने के लिए है ना कि कागज भरने के लिए। मितानिन की ड्यूटी लगाया जाना भी उचित नहीं है। प्रशिक्षक ने मितानिनों को स्वास्थ्य पर समझ, गर्भवती में खतरे के लक्षण, प्रसव बाद माता की देखभाल, स्तनपान का सही तरीका, सुरक्षित गर्भपात, नवजात बच्चे को गर्म रखना, पोषण संबंधी सेवाएं सहित महिलाओं को समानता का अधिकार एवं हिंसा पर बताया गया। इसके अलावा जल- जनित रोग, उल्टी- दस्त, पीलिया, टीवी के लक्षण और बचाव के साथ बीपी एवं शुगर, सिकलसेल, एनीमिया, नाक कान गला से संबंधित सामान्य समस्याएं, तथा बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल पर भी प्रक्षिक्षण दिया गया। मितानिन प्रक्षिक्षण की समन्वयक श्रीमती रूक्मणी यादव ने मितानिनों को कैसे गर्भवती और शिशुवती माताओं के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना है, इस विषय पर विस्तार पूर्वक उन्हें बताया गया। वही घरेलू प्रसव की स्थिति के बारे में बताया कि मितानिनों द्वारा गृहण भ्रमण कर जच्चा- बच्चा के स्वास्थ्य की स्थिति देखने और उन्हें ईलाज के लिए अस्पताल तक पहुँचाने की व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान देना है। इस दौरान मितानिन नवजात शिशु एवं प्रसूता महिलाओं में न केवल संभावित खतरे के लक्षणों की पहचान करेगी। ताकि बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को रोका जा सके। उक्त प्रशिक्षण का लगभग 5 सौ मितानिनों ने लाभ लिया।

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