गजब कर गए तिवारी जी : सेवानिवृत्त के बाद भी रंगदारी वसूली का खेल, बिरयानी सेंटर चलाने वाली महिला ने एसपी से लगाई गुहार
0 ग्रामीण इलाकों से आबकारी विभाग की रंगदारी वसूली चरम पर.
0 गांव- गांव बिक रहा बिना डिग्री का शराब.
कोरबा:- जिले में आबकारी विभाग का अवैध शराब बिक्री के नाम पर वसूली अभियान अपने चरम पर है। जिसमे मस्त अमला नियम कायदे को तिलांजलि देकर कार्यवाही कम और वसूली व शिकायत को लेकर ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है। गजब तो तब हो जाता है जब विभाग से सेवानिवृत्त आरक्षक पुराने ढर्रे पर अपना वसूली का जलवा कायम रखता है और कहते है न कि लालच बुरी बला, ऐसे में एक दिन आफत तो आनी तय है। एक महिला ने सेवानिवृत्त के बाद भी एक चर्चित आबकारी आरक्षक द्वारा वसूली किये जाने की शिकायत एसपी से करते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई है।
एसपी से की गई लिखित शिकायत में उल्लेख है कि अजय तिवारी (मो.नं.- 9827113410) के द्वारा अपने आपको उड़न दस्ता का अधिकारी बताकर महिला को जेल भेजने का खौफ दिखाकर 1,00,000/- रू. लेकर 25,000/- रू. मांग रहा है। पीड़िता जलबाई चंद्रा, उम्र 50 वर्ष पिता रामचरण चन्द्रा, निवासी-कैलाशनगर, राम मंदिर मोहल्ला, बालकोनगर ने बताया कि वह डेली मार्केट बालको में एक छोटा सा बिरयानी सेंटर चलाती है। दिनांक 21.09.2024 को अपने मोहल्ले के पड़ोसी महेत्तरीन बाई चंद्रा के घर के पास बैठी थी तभी अजय तिवारी जो कि आबकारी विभाग में पदस्थ है, उसके घर आया और जब पड़ोसी महेत्तरीन बाई चंद्रा के घर बैठी थी तब यह कहते हुए अपने उड़नदस्ताव वाहन में पीड़िता को बैठने के लिए कहा कि तुम शराब बेचने का अवैध धंधा करती हो और पीड़िता के मना करने पर जबरन वाहन में बैठाकर आबकारी थाना ले आये और कहने लगे। कोरे कागज में उसका हस्ताक्षर ले लिये और कहने लगे तुम्हें जेल जाने से बचना है तो मुझे 1,00,000/- रू. दो नहीं तो जेल भेज दूंगा। तुम अभी-अभी जेल से छूटकर आयी हो। जेल जाने के डर से पीड़िता ने उसे दूसरे से पैसा मांगकर 1,00,000/- रूपये ट्रांसफर की। दिनांक 30.09.2024 को अजय तिवारी अपने कार्य से सेवा निवृत्त हो चुका है उसके बाद पुनः दिनांक 02.10.2024 को पीड़िता के होटल में पुनः आकर छापामारी करने लगा और कुछ प्राप्त नहीं हुआ। उसके बाद भी25,000/- की अवैध उगाही करना चाहता है। पीड़िता ने कहा है कि वह गरीब महिला है, मेहनत करके अपना जीवन चलाती है। आये दिन उसके नंबर पर फोन करके धमकी दे रहा है कि मुझे जेल भिजवाएंगे। बहुत परेशान व दुखी हो गयी है तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही है। उसके बताये गये फोन पे पर 1,00,000/- रूपये ट्रांसफर कर चुकी है लेकिन गरीब पर पैसे के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
एसपी से निवेदन किया गया है कि उचित जांच कर रकम दिलायी जावे और सेवा निवृत्त अजय तिवारी के विरुद्ध कानूनी व वैधानिक कार्यवाही किये जाने की कृपा करें।
बता दें कि अवैध शराब धरपकड़ के लिए गांवों में घूम रहे आबकारी अमला शराब के ठिकानो पर छापा मारती जरूर है, लेकिन आरोपी वर्ग को अपने वाहन में बिठाकर घँटों घुमाया जाता है। इस दौरान डील पक्की हो गई तो मोटी रकम लेकर माहवारी बांध दिया जाता है, नही तो दो बोतल शराब को दस बोतल बनाने में माहिर अमला अपना कमाल दिखाते हुए बड़ी कार्रवाई बताकर खूब वाहवाही लुटती है। प्रतिमाह लाखों- करोड़ों का वारा- न्यारा करने वाले आबकारी विभाग पर नियंत्रण न होने से वे बेलगाम हो चले है। ग्रामीण क्षेत्रो में हालात यह हो चला है कि बीमारी के लिए दवा मिले न मिले शराब प्रेमियों को बिना किसी खास मशक्कत के सुलभ रूप से हाथ भट्ठी महुआ शराब उपलब्ध हो जाएगा, और ऐसा इसलिए कि शराब विक्रेताओं का आबकारी अमले से टांका फिट है। ऐसे में भला हौसले तो बुलंद होंगे ही और गांवों में ठर्रारस की धार बहेगी ही।