Thursday, June 19, 2025

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कुएं ने बदल दी तस्वीर : मनरेगा से स्वीकृत कुंआ निर्माण से कृषक किशुन आयम को मिली आर्थिक मजबूती, धान की दो फसली उत्पादन के साथ साग- सब्जियों की खेती से जीवन स्तर में आया सुधार

*कोरबा/पाली:-* किसान अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर रहते है। किन्तु असिंचित क्षेत्र जहां सिंचाई की सुविधा न होने के कारण वे वर्षा के पानी से ही खेती का लाभ ले पाते है, जिन्हें अन्य फसलों का लाभ नही मिल पाता। लेकिन आज महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से जल संवर्धन के कार्यों को प्राथमिकता से स्वीकृत कर किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में मनरेगा मील का पत्थर साबित हो रहा है। जिस योजना से ग्रामीण किशुन को आर्थिक मजबूती मिली है और उसके जीवन स्तर में सुधार भी आया।

जनपद पंचायत पाली के ग्राम पंचायत पोटापानी निवासी किसान किशुन सिंह आयम के पास सिंचाई की सुविधा नही होने के कारण वे कृषि कार्य में खरीफ की फसल ही ले पाते थे और उन्हें अच्छी फसल की पैदावार भी नही मिल पा रही थी। क्योंकि उन्हें पूरी तरह वर्षा जल पर निर्भर रहना पड़ता था। किंतु मनरेगा के तहत किशुन के खेत मे कुंआ निर्माण के बाद अब वे दोहरे फसल के साथ साल भर साग- सब्जियों की खेती करते है। जिसे वे बेचकर अच्छी आमदनी भी प्राप्त कर रहे है और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सफल हो रहे है। जिन खेतों में कृषक किशुन को एक फसल लेना मुश्किल होता था, वहीं अब कुंआ निर्माण से खरीफ के अलावा रबि और सब्जी- बाड़ी लगाकर इनके उत्पादन से अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे है। सिंचाई सुविधा को देखते हुए मनरेगा से स्वीकृत कूप निर्माण का कार्य कृषक किशुन के निजी भूमि पर वर्ष 2022 में किया गया। जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति राशि 2 लाख रुपए थी। लाभान्वित हितग्राही किशुन जो अपने खेत मे कुंआ निर्माण से पहले और इसके बाद के स्थिति को बताते हुए कहते है कि पहले मात्र दो एकड़ भूमि में धान की एक ही फसल ले पाता था, जो वर्षा आधारित था। लेकिन ग्राम सरपंच की पहल से उसकी निजी भूमि पर मनरेगा योजना से कुंआ निर्माण की स्वीकृति मिली और पंचायत के पंजीकृत श्रमिको के साथ- साथ मैं, मेरी पत्नी सहित परिवार के सदस्य कुंआ निर्माण के कार्य मे नियोजित रहे। जिसके निर्माण होने से सिंचाई सुविधा में आ रही सारी समस्या का समाधान हो गया और आज पूरे पांच एकड़ में दो फसली धान उत्पादन के अलावा मौसम के अनुसार साग- सब्जियों में पत्ता गोभी, प्याज, लौकी, कद्दू, भुट्टा, तरबूज का पैदावार करके अपने आय के स्रोत में वृद्धि करते हुए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुआ हूँ। जिसका श्रेय मनरेगा को जाता है। वहीं अब मैं लोगों को कुंआ के महत्त्व तथा जल संरक्षण- संवर्धन के प्रति जागरूक भी कर रहा हूँ। वहीं रोजगार सहायक श्यामलाल भारद्वाज ने बताया कि कुंआ निर्माण से पूर्व किसान किशुन सिंह असिंचित भूमि के कारण सिर्फ एक फसली खेती कर पाता था। किन्तु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत स्वीकृत व्यक्तिगत कुंआ निर्माण से कृषक किशुन सिंह के जीवन मे उम्मीद की नई किरण आयी है और वर्तमान में धान की खेती के साथ- साथ वर्ष भर सब्जियों की खेती भी कर रहा है। अब उसे अतिरिक्त आमदनी हो रही है। जो कि उसे आर्थिक रूप से सक्षम बनाने व जीवन स्तर को आगे बढ़ाने में उपयोगी सिद्ध हुआ है। यहां की सरपंच श्रीमती पुष्पा मरकाम ने कहा कि शासन द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं अजजा, अजा, अन्य पिछड़ा वर्ग को प्राथमिकता देते हुए उनकी आजीविका में बढ़ोतरी हेतु बाड़ी एवं सिंचाई सुविधा के लिए मनरेगा अंतर्गत कुंआ निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जा रही है। जहां कुंआ निर्माण से ग्रामीण हितग्राही आर्थिक रूप से सक्षम होकर पारिवारिक जीवन की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे है।

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