रायपुर। 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के अवसर पर गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (GGU), बिलासपुर में छात्रों ने डॉ. अंबेडकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (GGU) को पुनः प्रारंभ करने की मांग उठाई। प्रदेश के वंचित समाज विशेषकर SC, ST और OBC समुदाय के सैकड़ों छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश सरकार से इस महत्वपूर्ण योजना की बहाली के लिए ईमेल भेजे हैं। DACE का उद्देश्य वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के मेधावी छात्रों को UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करना था। 2022-23 में जब यह योजना शुरू हुई, तो पहले ही वर्ष में इसने छात्रों में एक नई उम्मीद जगाई। 1000 छात्रों ने आवेदन किया, जिसमें से 100 का चयन एक अखिल भारतीय परीक्षा के माध्यम से हुआ। 1 अक्टूबर 2022 को कक्षाएं शुरू हुईं, जिसमें प्रतिदिन 6 घंटे की पढ़ाई और अनेक मॉक टेस्ट आयोजित किए गए।कुल 21 छात्रों ने विभिन्न परीक्षा में सफलता प्राप्त की, जिसमें से 1 UPSC प्रीलिम्स में सफल रहा। हालांकि, योजना के संचालन में बदलाव और Direct Benefit Transfer (DBT) मॉडल के कारण यह केंद्र केवल एक वर्ष में बंद हो गया, जिससे छात्रों को बड़ा झटका लगा। छात्रों ने आईजीएनटीयू अमरकंटक जैसे अन्य संस्थानों का उदाहरण दिया जहाँ यह योजना आज भी चालू है। उन्होंने प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की, ताकि GGU के नालंदा परिसर में भी DACE जैसे केंद्रों को प्राथमिकता दी जा सके। छात्रों का मानना है कि GGU को DACE को छत्तीसगढ़ में सिविल सेवा संस्थान के रूप में विकसित करना चाहिए, जिससे राज्य के युवा अपनी प्रतिभा को निखार सकें।”छात्रों ने एक स्वर में कहा कि “DACE केवल एक कोचिंग योजना नहीं थी, यह हमारे सपनों की उड़ान थी। इसे बंद कर हमारे पंख काट दिए गए हैं।”
छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से चार मुख्य मांगें रखी हैं:
- DACE सलाहकार समिति की आपात बैठक बुलाना।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से योजना की पुनः स्वीकृति हेतु पत्राचार करना।
- DACE के पुनरुद्धार हेतु प्रस्ताव तैयार करना।
- अंबेडकर जयंती पर DACE की पुनः शुरुआत की घोषणा।