Sunday, November 17, 2024

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एसईसीएल कुसमुंडा ने दर्ज किया अपने इतिहास का सर्वाधिक कोयला उत्पादन

जीएम राजीव सिंह को पुष्प गुच्छ भेट करते अधिकारीगण

50 मिलियन टन कोयला उत्पादन पर जी.एम राजीव सिंह को अधिकारी कर्मचारियों ने दी बधाई

लगातार दूसरे वर्ष कोयला उत्पादन में 20 मिलियन टन से अधिक की वृद्धि

कोरबा….वित्तीय वर्ष 2023-24 एसईसीएल के लिए ऐतिहासिक नतीजे लेकर आया। कम्पनी ने 187 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जो कि स्थापना से किसी भी एक वर्ष का सर्वाधिक उत्पादन है। एसईसीएल ने वार्षिक आधार पर लगातार दूसरे वर्ष 20 मिलियन टन से अधिक की बढ़ोत्तरी दर्ज की है।
गत वित्तीय वर्ष में एसईसीएल ने 180.5 मिलियन टन कोयला उपभोक्ताओं को प्रेषित किया जिसमें सर्वाधिक 147.8 मिलियन टन कोयला देश के विद्युत संयंत्रों को भेजा गया, यह किसी एक वर्ष में कम्पनी द्वारा पावर सेक्टर को दिया गया सर्वाधिक डिस्पैच है। ओव्हर बर्डन रिमूवल (ओबीआर) में कम्पनी ने ऐतिहासिक परिणाम दिए व 22 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 323.2 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबीआर निष्कासित किया।
50 मिलियन टन उत्पादन के साथ कुसमुंडा बनी देश की दूसरी सबसे बढ़ी खदान
एसईसील के रिकॉर्ड उत्पादन में मेगापरियोजनाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। एसईसीएल की कुसमुंडा खदान ने उत्पादन लक्ष्य भेदते हुए 50 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन हासिल किया और इसी के साथ यह गेवरा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खदान बनी। गेवरा ने लगातार दूसरे वर्ष 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन पार किया और खदान का कुल उत्पादन 59 मिलियन टन के पार हुआ। कम्पनी की तीसरी मेगा परियोजना दीपका ने भी पिछले वर्ष के वार्षिक उत्पादन को पीछे छोड़ते हुए 33.42 मिलियन टन उत्पादन दर्ज किया।
इसके साथ ही कंपनी के रायगढ़ एवं सोहागपुर क्षेत्रों ने अपना लक्ष्य हासिल करते हुए क्रमशः 14.48 मिलियन टन एवं 6.03 मिलियन टन उत्पादन किया।
एसईसीएल का यूजी प्रोडक्शन 12 मिलियन टन रहा तथा इसमें लगातार दूसरे वर्ष वृद्धि दर्ज की गयी। विदित हो कि यूजी विजन के तहत कम्पनी ने कान्टिन्यूअस माईनर जैसे आधुनिक तकनीक के भूमिगत खदानों में नियोजन को प्रोत्साहित किया है जिसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।
गेवरा बनेगी एशिया की सबसे बड़ी खदान, 70 मिलियन टन के लिए मिली पर्यावरणीय स्वीकृति
वित्तीय वर्ष 23-24 में एसईसीएल की गेवरा खदान के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ी जब खदान को 70 मिलियन टन उत्पादन क्षमता विस्तार के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति मिली। इसके साथ ही अब गेवरा का एशिया की सबसे बड़ी खदान बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। रिकार्ड उत्पादन को देखते हुए कुसमुंडा परियोजना के अधिकारी एवं कर्मचारियों में हर्ष व्याप्त है,इस मौके पर विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग के मैनेजर अरुण कुमार वर्मा,दिनेश कुमार, श्री पांडेय ,श्री श्रीवास्तव एव अन्य कर्मचारियों ने जीएम राजू सिंग को पुष्प गुच्छ भेट कर बधाई और शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर जीएम राजीव सिंह ने कहा कि 50 मिलियन कोयला उत्पादन कर पाना हमारे लिये एतिहासिक क्षण से कम नही इसमें की एक का योगदान नही कुसमुंडा परियोजना से जुड़े हर एक व्यक्ति का योगदान है।उन्होंने भी सभी का मुंह मीठा कर धन्यवाद और साधुवाद प्रदान किया।

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