– कोर्ट में बहस 17 जून को
रायपुर (संवाद साधना)। अश्लील सीडी कांड में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने रायपुर स्थित स्पेशल कोर्ट में एक रिवीजन याचिका दायर कर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संलिप्तता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए बहस के लिए 17 जून की तारीख तय की है। इस बहुचर्चित मामले में दो अलग-अलग रिवीजन याचिकाएं दायर की गई हैं। पहली याचिका सीबीआई द्वारा दायर की गई है, जिसमें कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह भूपेश बघेल की भूमिका की दोबारा जांच की अनुमति दे और उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाए। दूसरी याचिका विनोद वर्मा, विजय भाटिया और कैलाश मुरारका द्वारा दायर की गई है, जिन पर अश्लील सीडी बनाने और प्रचारित करने का आरोप है। उन्होंने खुद को बेगुनाह बताते हुए मामले से बरी किए जाने की मांग की है।
सीबीआई ने लगाए ये आरोप
सीबीआई की याचिका के अनुसार, वर्ष 2017 में सामने आई अश्लील सीडी एक षड्यंत्र के तहत तैयार की गई थी, जिसमें चेहरा एडिट कर तत्कालीन एक भाजपा मंत्री को बदनाम करने की कोशिश की गई। एजेंसी का दावा है कि जिस दिन यह सीडी मीडिया में आई, उसी दिन भूपेश बघेल ने अपने सरकारी बंगले में पत्रकारों को वह सीडी वितरित की थी। एजेंसी ने इसे पूर्व नियोजित साजिश बताते हुए बघेल की संलिप्तता को स्थापित करने की कोशिश की है।
विनोद वर्मा की गिरफ्तारी से मचा था राजनीतिक बवाल
मामले में सबसे पहले नाम आया था भूपेश बघेल के करीबी और सलाहकार विनोद वर्मा का। दिल्ली स्थित उनके आवास पर छापेमारी कर पुलिस ने उन्हें कथित सीडी और दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया था। बताया गया कि वहां से सीडी की कई प्रतियां बरामद हुई थीं। हालांकि, बाद में जांच में पाया गया कि यह फर्जी सीडी थी, जिसे एडिट कर तैयार किया गया था।
कोर्ट ने बघेल को किया था बरी, अब फिर विवाद
सीडी मामले में सुनवाई के दौरान स्पेशल कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था, जबकि विनोद वर्मा, कैलाश मुरारका और विजय भाटिया के खिलाफ मामला चलाने के निर्देश दिए थे। अब सीबीआई की नई रिवीजन याचिका से एक बार फिर से भूपेश बघेल की भूमिका पर बहस तेज हो गई है।
17 जून को दोनों पक्षों की अंतिम बहस
स्पेशल कोर्ट ने दोनों रिवीजन याचिकाओं को एक साथ सुनने का निर्णय लिया है। अब 17 जून को सीबीआई और बचाव पक्ष दोनों की अंतिम बहस होगी, जिसके बाद यह तय होगा कि आगे इस मामले में क्या रुख अपनाया जाएगा।
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चर्चित सेक्स सीडी कांड मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 4 मार्च को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बड़ी राहत दी। अदालत ने उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके विरुद्ध मुकदमा चलाने का कोई ठोस आधार नहीं है। न्यायालय के इस निर्णय के बाद उन्हें सभी धाराओं से बरी कर दिया गया।
सीबीआई का दावा, सीडी बनवाने 75 लाख की डील
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में दावा किया था कि कथित सीडी बनवाने के लिए 75 लाख रुपए में डील हुई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर कैलाश मुरारका, विनोद वर्मा, विजय भाटिया, विजय पंड्या और रिंकू खनूजा के नाम सामने आए थे। हालांकि, रिंकू खनूजा की मृत्यु हो चुकी है, जबकि शेष आरोपियों के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया अब भी जारी है।