Saturday, May 31, 2025

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कोयला घोटाला केस: रानू-सौम्या-विश्नोई-सूर्यकांत को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे

छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी, EOW मामले में जेल में ही रहेंगे

रायपुर रायपुर (संवाद साधना)। कोयला लेवी घोटाले में आरोपी रानू साहू, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई और सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। कोयला लेवी घोटाले में आरोपी रानू साहू, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई और सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने जमानत कड़ी शर्तों के साथ दी है। बताया जा रहा है कि, गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते कोर्ट ने जमानत के बाद छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगाई है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकार दत्ता की डबल बेंच ने इस जमानत याचिका पर सुनवाई की है। हालांकि आरोपी जमानत मिलने के बावजूद जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। उन्हें ईओडब्ल्यू में दर्ज दूसरे मामलों की वजह से जेल में ही रहना होगा।

कोयला लेवी घोटाले में आरोपी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है।
कोयला लेवी घोटाले में आरोपी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है।

राज्य से बाहर रहने पर पता थाने में देना होगा

सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के मामले में, यह निर्देश कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य में नहीं रहेंगे, वे आवश्यकतानुसार जांच एजेंसी या ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहेंगे।

ये भी निर्देश है कि वे अपनी रिहाई के 1 सप्ताह के भीतर राज्य के बाहर अपने रहने के पते पेश करें। उन्हें अपने रहने के स्थान की जानकारी भी अधिकार क्षेत्र के थाने में देना होगा।

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देशित किया है कि वे अंतरिम जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद अपने पासपोर्ट विशेष अदालतों में जमा करें, वे जांच में शामिल होंगे और पूरा सहयोग करेंगे।”

570 करोड़ से ज्यादा का है कोल स्कैम

ED का दावा है कि छत्तीसगढ़ में कोयले में घोटाला किया गया है। इस मामले में 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ईडी का आरोप है कि कोयले के परिचालन, ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने समेत कई तरीकों से करीब 570 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध वसूली की गई है।

छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था। दावा है कि, कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था।

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