– डॉ. कृष्णकांत साहू की टीम ने जटिल ह्दय सर्जरी में हासिल की उपलब्धि
फोटो- अंबेडकर अस्पताल वाली खबर के नाम से सर्वर में सेव है
रायपुर, (संवाद साधाना)। अंबेडकर अस्पताल (मेकाहरा) के चिकित्सकों को एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में एक दुर्लभ और जटिल ह्दय सर्जरी सफलतापूर्वक की गई, जिसमें 58 वर्षीय महिला के तीन प्रमुख ह्दय वाल्वों का रिप्लेसमेंट और कोरोनरी बाईपास सर्जरी एक साथ की गई। यह सर्जरी अस्पताल के विभागाध्यक्ष और प्रसिद्ध कार्डियक सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू और उनकी विशेषज्ञ टीम द्वारा की गई। मरीज दुर्ग जिले के जेवरा सिरसा गांव की निवासी हैं, जिन्हें पिछले तीन वर्षों से सांस फूलने, छाती में दर्द और कमजोरी की शिकायत थी। जांच के बाद यह पाया गया कि मरीज की कोरोनरी आर्टरी में 95 प्रतिशत ब्लॉकेज था और ह्दय के तीन प्रमुख वाल्व माइट्रल, एओर्टिक और ट्राइकस्पिड गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त थे। ईकोकार्डियोग्राफी और कोरोनरी एंजियोग्राफी की रिपोर्ट्स के आधार पर डॉक्टरों ने यह सर्जरी करने का निर्णय लिया।
जोखिम भरा था ऑपरेशन
डॉ. कृष्णकांत साहू ने बताया कि यह सर्जरी उच्च जोखिम वाली थी, क्योंकि मरीज का ईएफ (एजेक्शन फ्रैक्शन) भी कम था और साथ ही तीन प्रमुख सर्जरी एक साथ किए जा रहे थे। इस सर्जरी में आर्टेरियल ग्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया, जो ज्यादा टिकाऊ और प्रभावी होता है। एओर्टिक वाल्व का रिपेयर एक अत्यधिक विशेषज्ञता वाली प्रक्रिया है, जो केवल चुनिंदा चिकित्सा संस्थानों में संभव है। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति स्थिर है और डॉक्टरों के मुताबिक वे जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर लौटेंगी। डॉ. कृष्णकांत साहू ने इस सफलता के बारे में बताया कि उनका कार्डियक सर्जरी विभाग निरंतर नवाचार और उत्कृष्टता की दिशा में काम कर रहा है, और इस तरह की जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक संपन्न करना उनकी टीम के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।