रायपुर, (संवाद साधना)। पुलिस विभाग का कारनामा लगातार सामने आ रहा है। प्रदेश में दो ऐसे टीआई है जिन्होंने शिकायत पर अपराधियों पर कार्रवाई की, लेकिन उन्हें ईनाम के बदल स्थानांतरण की सजा दी गई। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश के डीजीपी भी नहीं चाहते कि अपराधियों पर कार्रवाई हो। लगता है डीजीपी का इन अपराधियों के साथ सांठगांठ है।
पहला मामला रायपुर का है, जहां तोमर बंधुओं के आतंक से लोग परेशान थे। शिकायत पर पुरानी बस्ती टीआई ने कार्रवाई की। कार्रवाई में बड़ा मामले का खुलासा हुआ और तोमर बंधुओं को चेहरा सामने आया, लेकिन पुरानी बस्ती थाना प्रभारी को क्या मालूम था कि उन पर ही गाज गिर जाएगी। आखिरकार डीजीपी ने उसका स्थानांतरण कवर्धा कर दिया। इसी प्रकार राजनांदगांव जिले में एक मामला सामने आया है। डोंगढग़ढ़ थाना प्रभारी जितेन्द्र वर्मा का भी स्थानांतरण कर दिया गया है। बता दें कि कभी गोवा में बारटेंडर की नौकरी करने वाले बाबा तरुण उर्फ कांति योगा अग्रवाल की योग की आड़ में चलाए जा रहे गोरखधंधे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. लेकिन आज स्थिति यह है कि बाबा की सच्चाई सामने लाने वाले थाना प्रभारी जितेंद्र वर्मा का ही ट्रांसफर कर दिया गया है. अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बाबा तरुण किसी ऐसे ताकतवर नेटवर्क का हिस्सा है, जो सिस्टम में दखल देकर जांच को प्रभावित कर रहा है?। इस संबंध में जब उच्चाधिकारियों से चर्चा की गई तो उनका एक ही जवाब है स्थानांतरण एक प्रक्रिया है। इसके तहत की जाती है।