रायपुर। छत्तीसगढ़ के दस मेडिकल कॉलेजों में 5699 पदों पर होने वाली भर्ती फिलहाल अटक गई है। आरक्षण विवाद की वजह से अभी इन पदों पर भर्ती नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इन भर्तियों के लिए छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से भर्ती परीक्षा आयोजित कराने का फैसला लिया था। पिछले महीने इस परीक्षा के लिए व्यापमं ने मंजूरी भी दे दी थी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब स्वास्थ्य विभाग की भर्ती परीक्षा व्यापमं से कराई जा रही है। लेकिन आरक्षण रोस्टर नहीं बनने के वजह से अभी इन पदों पर भर्ती नहीं की जाएगी।
इससे भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे युवा परेशान हो गए हैं। अभी यह भी तय नहीं है कि परीक्षा कब होगी। पहले 4 हजार पदों पर सीधी भर्ती की जानी थी, लेकिन तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पद भी खाली होने की वजह से पदों की संख्या बढ़कर 5699 हो गई। इसी परीक्षा से स्टाफ नर्स, रेडियोग्राफर, ओटी टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय, आया आदि पदों पर भी भर्ती की जाएगी। विभाग के अफसरों का कहना है कि आरक्षण रोस्टर फाइनल होते ही डीएमई कार्यालय पदों की सूची व्यापमं को सौंप देगा। परीक्षा के बाद व्यापमं की ओर से जारी मेरिट के अनुसार भर्ती होगी।
कांकेर कॉलेज में भर्ती पर लगा स्टे
इधर दूसरी ओर कांकेर मेडिकल कॉलेज में 539 पदों पर हो रही भर्ती पर भी रोक लग गई है। तीन दिन पहले ही हाईकोर्ट ने इस पर स्टे दिया है। कांकेर मेडिकल कॉलेज को 2021 में मान्यता मिली थी। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। जगदलपुर के आधा दर्जन से ज्यादा आवेदकों ने 58 फीसदी आरक्षण के अनुसार हो रही भर्ती को कोर्ट में चुनौती दी थी। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि जब भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया तब प्रदेश में 58 फीसदी आरक्षण रोस्टर लागू था। लेकिन कोर्ट ने यह दलील नहीं मानी। इसलिए भर्ती प्रक्रिया पर स्टे मिल गया।
संविदा में भी नहीं कर सकते हैं भर्ती
मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में नियमित की तरह संविदा में भी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती है। दरअसल नियमित व संविदा भर्ती में आरक्षण रोस्टर का नियम का पालन करना अनिवार्य है। प्रदेश में पिछले साल तक 58 फीसदी आरक्षण था। इसमें एसटी को 32, ओबीसी को 14 व एससी को 12 फीसदी आरक्षण था। इस पर पिछले साल ही हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। विधानसभा में पारित 76 फीसदी आरक्षण रोस्टर पर विवाद है और यह विधेयक अभी भी राजभवन में अटका हुआ है। इसलिए भर्ती भी नहीं हो पा रही है।
महासमुंद व कोरबा कॉलेज भी इंतजार में
पिछले साल महासमुंद, कोरबा और दुर्ग मेडिकल कॉलेजों को भी भर्ती का इंतजार है। ये कॉलेज नए खुले हैं और इनमें स्टाफ की बड़ी जरूरत है। शासन ने कॉलेज के लिए 324 व अस्पतालों के लिए 471 पद यानी कुल 795 पदों की स्वीकृति दी है। हालांकि कुछ कॉलेज और अस्पताल में 825 पदों पर भर्ती की जाएगी। नए मेडिकल कॉलेजों के साथ ही नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर, सिम्स बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, राजनांदगांव व जगदलपुर कॉलेजों में भी खाली पदों भर्ती होगी। हालांकि इन कॉलेजों में नए की तुलना में पदों की संख्या थोड़ी ही कम है।