
विभागीय निष्क्रियता में उलझा करोडों का प्रोजेक्ट
कोरबा। नाम से ही उर्जाधानी से विख्यात कोरबा अपने ही जिले वासियो के बीच में छला महसूस कर रहा है। ऊर्जा के मामले में यहां दीया तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। 8 -10 करोड़ से ऊपर का प्रोजेक्ट जो वर्ष 2022 में फाइनल हो चुके है साथ ही जमीन के अर्जन हेतु तहसीलदार (नजूल) ने 07/10/22 इश्तेहार जारी कर दावा आपत्ति की प्रक्रिया भी पूरी कर ली, सभी 7 उपकेन्द्रों के लिये 120 मीटर लंबाई और 90 मीटर चौड़ाई की जमीन दिया जा चुका है किंतु उन सबस्टेशनों के लिए आज पर्यन्त तक जमीन का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नही जुटा पाए।यहाँ यह कहना गलत नही होगा कि आग लगने के बाद कुआं खोदने की तैयारी में विभाग लगा है।जब इन सबस्टेशनों की निविदा तैयारी हो रही थी उससे पहले जमीन का चिन्हांकन कर एन ओ सी की प्रक्रियाओं पूरा कर लेना लाजिमी होता,पर विभाग एक दूसरे के ऊपर दोषारोपण कर लोगो को मिलने वाले लाभ को कोसों दूर कर दिया है। बिजली विभाग द्वारा जिले में 7 नए उपकेंद्रों को सहमति तो देदी पर कछुआ चाल से चल रही जनउपयोगी कार्य धरातल पर जगह नही बना पा रही है। बिजली विभाग ने 7 नए उपकेंद्रों की निविदा प्रक्रिया बुला कर उसे फाइनल तो कर दिया पर जिले के विभिन्न विभागों से जैसे वन विभाग, नगरीय निकाय, ग्राम पंचायत आदि से अनापत्ति प्रमाण पत्र के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी नही जुटा पा रही है, विगत वर्ष में मोती सागरपारा वार्ड क्रमांक 06 के नाम पर उपकेंद्र का निर्माण कराया जाना था किन्तु जमीन उपलब्ध नही होने के कारण उसे वार्ड क्रमांक 04 में निर्मित किया गया। वैसा ही एक मामला फिर सामने आया है कि,मिशन रोड़ वार्ड क्रमांक 01 के नाम से हुए निविदा को राताखार बस्ती ले जाया जा रहा है जबकि मिशन रोड़ में जमीन उपलब्ध होने की जानकारी सूत्रों द्वारा प्राप्त हुई है, इसका मतलब विद्युत विभाग द्वारा “बीमारी पेट की है और इलाज बवासीर का कर रही है”। जिस उद्देश्य से उपकेंद्र का निर्माण कराना है उसका लाभ मिशन रोड़, पटेल पारा, इंदिरा नगर,रामसागर पारा को नही मिल पायेगा,जबकि राताखार बस्ती से कुछ दूरी पर तुलसी नगर उपकेंद्र है,तो पास-पास में दो उपकेंद्र का क्या ओचित्य हैं समझ से परे है, रही बात अन्य उपकेंद्रों का तो अनापत्ति प्रमाण पत्र के आभाव में 8 से 10 करोड़ का प्रोजेक्ट सिर्फ कागजों में सिमट कर रहा गया है। जबकि इस वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव की धमक रहेगी और नेताओं को सरकार की उपलब्धि बताने जनता के बीच जाना है,साथ ही जनता की समस्या बिजली,पानी,सड़क मुख्य होता है,ऐसे में सत्ताशीन नेता जनता को क्या जवाब देंगें।