केदारनाथ में बाबा के दर्शनों के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। पिछले 126 दिनों में 11 लाख तीर्थयात्रियों ने बाबा के दर्शन किए हैं। अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले 2019 में 10 लाख तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंचे थे।
रुद्रप्रयाग जिले के DM मयूर दीक्षित ने कहा कि इस बार रिकॉर्ड संख्या में यात्री पहुंचे हैं। केदारनाथ यात्रा साल 2020 और 2021 में कोरोना महामारी के कारण प्रभावित रही, लेकिन इस बार यात्रा अच्छे से आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में ज्यादा भीड़ के कारण समस्या आई थी। सफाई व्यवस्था में भी कुछ कमी थी, लेकिन अब सभी समस्याओं को ठीक कर दिया गया है।
500 से ज्यादा सफाई कर्मचारी यात्रा में सेवाएं दे रहे
दीक्षित ने बताया कि 500 से ज्यादा सफाई कर्मचारी यात्रा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही यात्रा से जुड़े विभाग भी लगातार अपने काम पर ध्यान दे रहे हैं। सभी विभागों को निर्देश दे दिए गए हैं कि यात्रा में किसी भी यात्री को कोई भी दिक्कत न हो। धाम में तीर्थयात्रियों को पैदल मार्ग सहित बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
यात्रियों की संख्या 13 लाख पार होने की उम्मीद
यात्रा में अभी भी डेढ़ महीने बाकी हैं और सभी होटल पहले से ही बुक हो गए हैं। इस साल 6 मई को केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हुई थी। DM ने कहा कि उम्मीद है कि केदारनाथ आने वालों की संख्या 13 लाख को पार कर जाएगी। जानकारी के अनुसार, केदारनाथ यात्रा में इस साल अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
आदिगुरु शंकराचार्य ने करवाया था मंदिर का निर्माण
केदारनाथ उत्तराखंड के चार धामों में तीसरे नंबर पर है। ये मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। महाभारत काल में यहां शिवजी ने पांडवों को बेल के रूप में दर्शन दिए थे। मान्यता है कि 8वीं-9वीं सदी में आदिगुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर को बनवाया था। मंदिर करीब 3,581 वर्ग मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और गौरीकुंड से करीब 16 किमी दूरी पर है।
3 लाख परिवार केदारनाथ धाम पर निर्भर
उत्तराखंड के करीब 3 लाख परिवार बाबा केदारनाथ पर निर्भर हैं। इनका रोजगार श्रद्धालुओं और यात्रियों पर निर्भर है। कोरोना काल में धाम के कपाट बंद होने से यहां के स्थानीय लोगों पर काफी बुरी आर्थिक मार पड़ी थी। अब लोगों को उम्मीद है कि धीरे-धीरे सब पटरी पर आ जाएगा।