चिटफंड कंपनी में निवेशकों के डूबे एक लाख 87 हजार

जांजगीर-चांपा। चिटफंड कंपनियों से पैसा वापसी की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं उपभोक्ता सेवा संघ के आवाहन पर बड़ी संख्या में संभाग भर के निवेशकों ने वादा निभाओ रेली निकालते हुए कलेक्टोरेट का घेराव कर दिया। उन्होंने कलेक्टर को मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं उपभोक्ता सेवा संघ के आवाहन पर जांजगीर चांपा जिले के निवेशक चिटफंड कंपनी में जमा अपनी राशि को वापस पाने के लिए सोमवार 16 जनवरी को जिला मुख्यालय जांजगीर के कचहरी चौक में एक दिवसी धरना प्रदर्शन किया। इस बीच राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। निवेशक दिनेश पटेल, दिनेश तिवारी ने बताया कि जांजगीर-चांपा जिले के एक लाख 87 हजार 650 निवेशक लोगों का करीब 4 अरब 15 करोड़ रुपया चिटफंड कंपनी द्वारा वापस किया जाना है लेकिन इस दिशा में पहल नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा निवेशकों से आवेदन लेकर जल्द ही पैसा वापस करने की शुरूआत की गई। लंबी कतार में भीड़ में मौजूद होकर निवेशक आवेदन भी जमा किए। जिले में 1 लाख 87 हजार से अधिक आवेदन आवेदन जमा किया गया। इससे निवेशकों में उम्मीद जगी थी। लेकिन इसके बाद केवल सरकार द्वारा आश्वासन दिया जा रहा है। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जन घोषणा पत्र क्रमांक 34 में प्रमुखता से उल्लेख किया गया है कि प्रदेश के सभी चिटफंड कंपनियों से पीड़ित प्रत्येक निवेशकों का जमा रकम वापस किया जाएगा, लेकिन इस पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। निवेशकों ने बताया कि रकम वापस किए जाने की मांग को लेकर निवेशकों के द्वारा पूर्व में 38 दिनों का भूख हड़ताल एवं चार दिनों की पदयात्रा भी फरवरी 2022 में धमतरी से राजधानी रायपुर तक की गई थी लेकिन इसके बाद भी जमा रकम अब तक वापस नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 4 जिलों में रकम वापसी को लेकर प्रक्रिया शुरू की गई है लेकिन जांजगीर-चांपा जिला समेत अन्य बाकी जिलों में अभी इसका कहीं कोई अता-पता नहीं है जिससे निवेशक परेशान है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष गगन कुम्भकार ने बताया कि 2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी द्वारा जन घोषणा पत्र क्रमांक 34 में चिटफंड कंपनी से पीडि़त निवेशकों की जमा पूंजी वापसी करने का उल्लेख प्रमुखता से किया गया, उसे देखकर छत्तीसगढ़ के सभी पीडि़त निवेशकों एवं अभिकर्ताओ ने कांग्रेस के ऊपर विश्वास कर अपना अमूल्य वोट देकर कांग्रेसी सरकार बनाने में भरपूर योगदान दिया। सरकार बने ३ वर्ष बीत चुके हैं किंतु 5 प्रतिशत भी निवेशकों की राशि वापस नहीं की गई है। इसी को याद कराते हुए रैली निकली गई। उनका कहना है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह तक सभी विधायकों को मांगपत्र देते हुए ज्ञापन सौंपा जाएगा। ताकी वे विधानसभा में अपनी बात उठाएं। इसके बाद 1 फरवरी से तपोभूमि रायगढ़ से लेकर रायपुर तक पदयात्रा निकाली जाएगी। फिर सीएम भवन का घेराव किया जाएगा। फिर भी मांगे पूरी नहीं होने पर राजधानी में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।