Friday, June 20, 2025

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आदर्श आचार संहिता का उलंघन कर रहे जल संसाधन विभाग के अधिकारी, डीएम के निर्देश को दरकिनार कर मुख्यालय से रहते नदारद, बिलासपुर स्थित निवास से करते अप- डाउन

0 सप्ताह में एक बार कार्यालय में आते है नजर.

कोरबा- कटघोरा,पाली । लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान के साथ आदर्श आचार संहिता बीते 17 मार्च से लागू हो गया है। वहीं आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कई पाबंदियां भी लागू हो गई है और चुनाव सम्पन्न होने तक इनकी छुट्टी पर रोक लगा दी गई है तथा जिला प्रशासन द्वारा विभागों के प्रमुखों और कर्मचारियों को मुख्यालय पर रहने के आदेश दिए हैं तथा कहा है कि कोई भी अधिकारी- कर्मचारी बिना अनुमति मुख्यालय नही छोड़ सकेंगे। नियमों का उलंघन करने वालो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन डीएम के इस आदेश को जल संसाधन विभाग कटघोरा व पाली उप संभाग के अधिकारी दरकिनार कर हवा में उड़ाते हुए मुख्यालय से अधिकतर नदारद रहते है।

जल संसाधन विभाग के उप संभाग कटघोरा, क्रमांक- 02 के अनुविभागीय अधिकारी आरएम ओझा एवं पाली उप संभाग के अधिकारी एच एक्का का हाल यह है कि आचार संहिता लगने के बाद भी इनकी मनमर्जी जारी है और कलेक्टर आदेश की कोई परवाह ही नही है। जिला प्रशासन ने जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यालय पर रहने के लिए सख्त हिदायत दिए है। लेकिन इसके बाद भी इस पर इन दोनों अधिकारी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है व तहसील मुख्यालय पर न रुककर बिलासपुर स्थित अपने- अपने निवास से अप- डाउन किया जा रहा हैं। कटघोरा उप संभाग के अधिकारी श्री ओझा उप अभियंता से अनुविभागीय अधिकारी के पद पर 6 माह पूर्व पदोन्नत होकर क्रमांक- 02 की जिम्मेदारी सम्हाल रहे है, जहां सप्ताह भर में महज एकाक बार कार्यालय में नजर आते है तो वही पाली उप संभाग के अधिकारी श्री एक्का गत 5 वर्ष से भी अधिक समय से पाली में पदस्थ है और इनको आबंटित शासकीय आवास को ही इन्होंने किराए पर चढ़ा रखा है तथा अधिकतर समय बिलासपुर में ही बिताते हैं। इन दोनों अधिकारी के इस कारनामे की जानकारी जिला प्रशासन को नही है और यही कारण है कि आचार संहिता लगने के बाद भी ये अधिकारी अपने मनमाफिक ड्यूटी पर आते हैं और कुछ घंटों के बाद वापस बिलासपुर स्थित घर लौट जाते हैं। शाम के बाद या फिर छुट्टी के दिन इन्हें यदि जरुरी शासकीय कार्य से बुलाया जाए हो तो इनकी पोल उस समय खुल सकती है। किन्तु ऐसा नही होने का बेजा लाभ उठाकर ये दोनों अधिकारी अपनी मनमर्जी में मस्त है। जिला प्रशासन द्वारा ऐसे अधिकारियों पर लगाम कसने ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता हैं।

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