प्रार्थी ने अपने दो साथी के साथ मिलकर पैसा गबन करने रचा षड्यंत्र

जांजगीर-चांपा (संवाद साधना)। अकलतरा थाना क्षेत्र में 6 लाख 60 हजार रुपए की लूट की वारदात पूरी तरह से झूठी निकली है। पुलिस ने इस मामले में प्रार्थी को ही गिरफ्तार किया है, जिसने पैसा को गबन करने की नियत से अपने दो साथी के साथ मिलकर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी के पास से 4 लाख रुपए जब्त किया है। वहीं घटना में शामिल उसके 2 अन्य साथी की पतासाजी की जा रही है। इस संबंध में अकलतरा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार 6 सितंबर को प्रार्थी राखीराम कश्यप ने अकलतरा थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराया वह बुधवार 6 सितंबर की सुबह 9 बजे दुकान खोलकर बैठा था। करीब डेढ़ घंटे बाद हेलमेट पहने दो अज्ञात व्यकति दुकान में पहुंचे। राखीराम को कुछ समझ आता कि इसके पहले दोनों अज्ञात लूटेरों ने उसकी आंख में मिर्च पाउडर छिड़क दिया और अपने पास रखे देशी कट्टे को निकालकर उसे धमकाने लगे। अज्ञात लूटेरों ने राखीराम के पास से ट्रेडिंग कंपनी के 6 लाख 60 हजार रुपए लूट लिए और वहां से भाग निकले। इस पर पुलिस हरकत में आई और मामले में धारा 392, 34 भादवि कायम कर अज्ञात आरोपियों की तलाश शुरू की गई। दूसरी ओर वारदात से संबंधित साक्ष्य जुटाने पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की और सीसी टीवी फुटेज भी निकलवाए। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान आसपास के लोगों से मिली जानकारी सीसी टीवी फुटेज के दृश्य और प्रार्थी के बयान में विरोधाभाष प्रतीत हुआ। ऐसे में पुलिस को वारदात पर ही संदेह हुई और इस आधार पर प्रार्थी से ही पूछताछ की गई। साथ ही ट्रेडिंग कंपनी के मालिक का भी कथन लिया गया। पुलिस ने बताया कि ऐसे में प्रार्थी राखीराम कश्यप गोलमोल जवाब देने लगा और थोड़ी सख्ती बरतने पर उसने सच्चाई बयां कर दी। पुलिस ने बताया कि राखीराम ने अपने दो अन्य साथी के साथ मिलकर कंपनी के मालिक व्यास कश्यप के पैसा को गबन करने के नियत से लूटपाट की घटना को अंजाम दिया और नगदी 2 लाख 60 हजार को अपने साथी को देना बताया। जबकि बताई गई लूट की रकम में से 4 लाख रूपये को आरोपी अपने घर में रखा था, जिसे बरामद कर लिया गया है, जबकि मामले में उसके दो साथी फरार है, उनकी तलाश की जा रही है। इस खुलासे के बाद धारा 420, 409, 120 बी, 177, 182 भादवि जोडी गई और आरोपी राखीराम कश्यप उम्र 30 साल को 7 सितंबर को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां से न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई में डीएसपी जांजगीर शैलेन्द्र पाण्डेय, निरीक्षक सत्यकला रामटेके, सउनि अरुण सिंह, आरक्षक प्रदीप दुबे, राघवेन्द्र घृतलहरे, बृजपाल बर्मन, नवीन रात्रे एवं सायबर सेल जांजगीर का योगदान रहा।