कोरबा.- कोरबा जनपद CEO जीके मिश्रा का विवादों से चोली दामन का साथ रहा है बात बात पर उच्च न्यायालय की शरण मे जाकर अपने अफसरों पर दबाव बनाना मानो उनकी फितरत में शामिल है ।

अब एक नए विवाद में जीके मिश्रा पर 50 से 60 लाख के गबन का आरोप लगा है जनपद पंचायत कोरबा की उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णो ने आरोप लगाते हुए कोरबा कलेक्टर को चिट्ठी सौपी है जिसमे पंजाब नेशनल बैंक के खाता क्रमांक 1000001000015863 में शासकीय राशि ट्रांसफर करने का आरोप लगा है ।
बता दें कि उपाध्यक्ष कौशल्या देवी वैष्णो एवं सीईओ जेके मिश्रा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है आरोप है कि CEO जीके मिश्रा ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए काफी मशक्कत कर उपाध्यक्ष को पदच्युत करने के लिए सदस्यों से हस्ताक्षर करवाये है इसके बाद उपाध्यक्ष कौशल्या देवी ने जनपद सीईओ एवं बाबू पर शासकीय राशि को बंदरबांट करने का आरोप लगकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है ।उपाध्यक्ष ने बताया कि जनपद पंचायत कोरबा के उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित हूँ। कुछ दिन पूर्व जनपद पंचायत कोरबा की शासकीय राशि को जनपद पंचायत के.सी.इ.ओ. गोपाल कृष्ण मिश्रा और बाबू सुरेश पाण्डेय द्वारा आर.टी.जी.एस के माध्यम से अपनी नीजि खाते में जमा कर अपने निजी उपयोग करने की जानकारी मुझे मिली है। जिसके बाद मैने सी.ई.ओ. मिश्रा से कुछ सप्ताह पूर्व जानकारी ली। लेकिन जानकारी देने के बजाएं मेरे ऊपर अविश्वास प्रस्ताव षड्यंत्र रचा गया, उपाध्यक्ष ने कहा की जनपद सीईओ मिश्रा द्वारा हमेशा से ही शासकीय राशि का बंदरबांट किया है, उपाध्यक्ष कौशल्या देवी ने कलेक्टर संजीव झा से मुलाकात कर ज्ञापन सौपा है, टीम गठित कर निष्पक्ष जांच की मांग की गई, कहा कि जनपद की राशि को संबंधित शाखा प्रभारी बाबू व वर्तमान सी.ई. ओ. अपने निजी खाते कि जांच की जाए, लगभग अनुमानित राशि 50 से 60 लाख रूपये का गबन किया गया है। करतला में पदस्थ रहते हुए पैसे के उगाही के लिए सरपंच/सचिवो पर डी एम फ के कार्यो के कमीशन के लिए दबाव बनाया जाता था।जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
बतादें की कोरबा जनपद में पैर रखते ही CEO मिश्रा विवादों में घिर जाते है इसके पूर्व करतला जनपद में पदस्थ रहते अचार संहिता के दौरान अपने चहेतों के नाम एकल हस्ताक्षर से चेक कटे जाने से नाराज रामपुर विधान सभा क्षेत्र के विधायक एवं वरिष्ठ आदिवासी भाजपा नेता ननकीराम कंवर की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था इसपर जीके मिश्रा उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश लेकर पुनः कुर्सी पर टिक गए । और अब नया विवाद खड़ा कर दिया है आरोप के मुताबिक जीके मिश्रा के षणयंत्र का परिणाम ही है की विश्वास प्रस्ताव पर कल बहस होनी है ।
