Wednesday, June 25, 2025

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जिला अस्पताल था तो ढाई सौ थी ओपीडी, अब 4 सौ

00 हर तरह के रोग विशेषज्ञ और सुविधाएं बढऩे से मरीज भी बढ़े

महासमुंद। जिला अस्पताल भवन को मेडिकल कॉलेज द्वारा अधिगृहीत किए जाने और सुविधाओं में विस्तार के बाद ओपीडी में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पहले जहां ओपीडी में प्रतिदिन ढाई सौ मरीज पहुंच रहे थे वह अब 4 सौ से अधिक पहुंच गई है।
मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में बढ़ती मरीजों की संख्या का मुख्य कारण यहां उपचार के लिए हर तरह के रोग विशेषज्ञ चिकित्सक होना है। इसके साथ ही मरीजों को अस्पताल में मिल रही सुविधाएं भी इसकी वजह है। ज्ञात हो कि जिला अस्पताल में पहले दर्जनभर ही चिकित्सक ही नियुक्त थे। पर जिला अस्पताल भवन को कॉलेज के लिए अधिगृहीत किए जाने के बाद यहां चिकित्सकों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। हड्डी रोग, नाक, कान, गला, एमडी मेडिसिन, शिशु रोग चिकित्सक, महिला रोग चिकित्सक, सोनोलॉजिस्ट सहित मेेडिकल कॉलेज में अध्ययन के लिए आने वाले नए विद्यार्थी चिकित्सकों को पढ़ाने के लिए प्रोफेसरों की नियुक्त हो चुकी है जो वर्तमान में ओपीडी में आने वाले मरीजों का उपचार कर रहे हैं। जिससे मरीज बड़ी संख्या में उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं।
सोनोग्राफी की सुविधा मिल रही
मेडिकल कॉलेज के बाद यहां आने वाले मरीजों को सोनोग्राफी की सुविधा मिल रही है। पहले केवल गर्भवती महिलाओं की ही सोनोग्राफी हो पाती थी पर अब सभी तरह के मरीजों की जांच के लिए सोनोग्राफी की जा रही है। सोनोग्राफी के लिए यहां प्रतिदिन 40-50 मरीज पहुंचते हैं जिन्हें लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
लैब में प्रतिदिन 2 सौ से अधिक की जांच
यहां मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि प्रतिदिन 2 सौ से अधिक मरीजों की खून, यूरिन, कोविड, सहित अन्य टेस्ट हो रहे हैं। लैब के बाहर सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक टेस्ट कराने बड़ी संख्या मेंं मरीजों की लाइन लगी रहती है। सप्ताह के शुरुआती दिनों में यह संख्या और बढ़ जाती है। कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक सप्ताह के शुरुआत के तीन दिन सबसे अधिक मरीज रहते हैं।

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