*कोरबा/पाली:-* ध्वज हमारे गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक है। हमारा देश राष्ट्रीय ध्वज को जान से भी अधिक सम्मान देता है। तिरंगे के सम्मान के लिए लाखों वीरों ने अपना बलिदान दे चुके है। बचपन मे जब हम स्कूली शिक्षा ग्रहण कर रहे थे उस दौरान स्वाधीनता और गणतंत्र दिवस पर प्रभातफेरी के दौरान हम अपने हाथों में तिरंगा लिए यह गीत गाते आगे बढ़ते रहते ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा’ जिसका ससम्मान सदा दिल मे है, किन्तु ये कैसे सरपंच जो गांव का प्रतिनिधित्व कर रहे है व सचिव जिन्हें पंचायत की बागडोर दी गई हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान तो दूर, अपमान में कोई कमी नही की गई और जमीन पर महज 5 फीट लकड़ी के सहारे तिरंगा फहरा जय हिंद की औपचारिकता निभाते हुए भूल गए तथा ध्वजा रात भर उसी हालत में रहते हुए ऐसे सरपंच- सचिव के देश के प्रति अभिव्यक्ति को उजागर करता रहा।
जिले के कटघोरा विधानसभा एवं पाली विकासखंड तथा हरदीबाजार अंतर्गत ग्राम पंचायत भलपहरी, जहां के प्रांगण में 26 जनवरी के अवसर पर तिरंगा ध्वज को एक डंडा में फंसा कर जमीन में गाड़ और ध्वजारोहण की औपचारिकता को निभाया गया। उक्त नजारे को देखकर ही समझा जा सकता है कि ग्राम पंचायत के लिए प्रशासनिक तौर पर जिम्मेदार सचिव रामसेवक राठौर एवं श्रीमती हरशिल्या बाई ने सरपंच होने के नाते राष्ट्र के प्रति दायित्वविहीन हो राष्ट्रीय पर्व मनाने व तिरंगे की गरिमा का ख्याल जरा भी नहीं रखा। जनपद अधिकारी- कर्मचारियों की मौन सहमति से मूलभूत, 14वें, 15वें वित्त मद के राशि का फर्जी बिल बाउचर के सहारे मनमाना आहरण कर ग्राम विकास के बजाय अपना विकास करने वाले सरपंच- सचिव ने ध्वजारोहण के लिए परिसर में एक चबूतरा तक निर्माण नहीं कराया। यहां तक कि ऊंचाई पर ध्वज फहराने के लिए इन्हें लोहे का एक पाइप तक नहीं मिल सका। जहां एक छोटे से लकड़ी जिसकी लंबाई महज 5 फ़ीट होगी, को जमीन में गाड़ दिया और उसमें झंडा रोहण कर छोड़ दिया जो रात भर उसी हालत में था। झंडारोहण के बाद नियम है कि इसे सूर्यास्त से पूर्व उतारा जाना चाहिए लेकिन भारत देश की आन- बान- शान तिरंगा ध्वज सुबह से शाम और रात, जिसके बाद आज सुबह भी मौके पर नजर आया। जहां पर गाय, बैल विचरने के साथ छोटे- छोटे बच्चे भी खेलते दिखे। इस तरह से पंचायत सचिव व सरपंच के द्वारा राष्ट्रध्वज का अपमान किया गया है। इसके लिए ग्राम वासियों ने भी आपत्ति करते हुये इसे अपमान कहा है। ऐसे में परिलक्षित होता है कि सरपंच- सचिव के मन मे देश प्रेम व राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान कितना है। यहां के ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच- सचिव जमकर अपनी मनमानी करते हुए पंचायत के विकास कार्यों में गुणवत्ताविहीन कार्य तथा पंचायत मद की राशि पर लूट- खसोट मचाए हुए है। दुर्भाग्य की बात है कि भलपहरी सरपंच- सचिव के मन मे राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के प्रति जरा भी संवेदना देखने को नही मिली। देश गौरव के विपरीत इनका यह कदाचरण कितना अनुचित है, यह तो फिलहाल अधिकारी ही बता सकते है तथा इसके लिए क्या सजा मुखातिब करेंगे यह प्रशासन पर निर्भर करता है।