
एडवांस के कामो में हो रहा ज्यादा फोकस
विद्युत वितरण विभाग कार्यरत ठेकेदार ग्रामीण ई ई की कार्यशैली से परेशान है। बताया जा रहा है कि जितने भी टेंडर निकले जा रहे है वह सब काम एडवांस में अपने चहते ठेकेदार से कराया जा रहा है और जब उन कामो का टेंडर निकाला जाता है तो उसे दबाव पूर्वक मैनेज किया जाता है या फिर दूसरे ठेकेदारों के टेंडर फार्म गुम हो जाने या फिर फाड़ दिए जाने की शिकायत मिल रही है,ताकि वह उस एडवांस कामो में हिस्सा नही ले पाए। बात यही खत्म नही होती जैसा कि छत्तीसगढ़ में सुपर सी एम की बात कही जाती रही है उसी प्रकार कोरबा जिले के विद्युत वितरण विभाग में सुपर ई ई की बात हो रही है बताया जा रहा है कि वह (सुपर ई ई) वितरण विभाग ग्रामीण में इतना दखल रखती है कि जिस किसी को भी टेंडर दिला सकती है। खेल यही पर खत्म नही होता उनके द्वारा एडवांस टेंडर को मैनेज करने के नाम पर 10% ऐब्व में टेंडर डालने की नसीहत तक दिया जाता है,और चेहते ठेकेदार अपने साथ उस काम को करने के लिए अपने ही स्पोर्टिंग फार्म का दो और टेंडर 10% से ऊपर का टेंडर डाल अपने फर्म को काम दिलाने में सफल हो जाता है, बांकी के ठेकेदार मूकदर्शक बने देखते रहते है। कुछ ठेकेदार तो दबी जुबान से ये तक कहते है कि जो ज्यादा कमीशन देगा काम उसको मिलेगा और हमारे द्वारा किये कामों के बिल को महीनों लटकाया जाता है।कमीशन नही देने के एवज में बिलो का भुगतान नही हो पाता। इसमें चालाकी अधिकारी करता है कि जहाँ ओपन टेंडर में 5% कमीशन लेता था वही एडवांस कामो को मैनेज करने में 10% माल खिंच ले रहा है इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में लगभग काम एडवांस में कराए जाने की जानकारी आ रही है। इस विषय मे आवाज उठाने वाले ठेकेदार को बाहर का रास्ता दिखाए जाने की धमकी भी दी जाती है,बेचारा ठेकेदार मरता क्या ना करता कि पोजिशन में घालमेल देखते खड़ा रहता है।बहरहाल छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण विभाग ग्रामीण कोरबा में ई ई और सुपर ई ई का दबदबा पूरा पूरा कायम है।