Sunday, November 17, 2024

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सुरक्षा में चूक : बाल संप्रेक्षण गृह से तीन साल में 20 अपचारी बालक फरार

सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को पत्थर मारकर घायल कर चाबी चुराकर फरार हो गए

महासमुंद। बाल संप्रेक्षण गृह से अपचारी बालकों के भागने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यालय से लगे बरोंडाबाजार स्थित बाल संप्रेक्षण गृह से आज शुक्रवार सुबह फिर से चार अपचारी बालक फरार हो गए। घटना की सूचना पर एसडीएम और नायब तहसीलदार ने मौके पर पहुंच जांच की। समाचार लिखे जाने तक महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी। लेकिन प्रांरभिक सूचना के आधार पर पुलिस फरार अपचारी बालकों की तलाश में जुट गई है। 
जानकारी के मुताबिक सुबह करीब पांच बजे बाल संप्रेक्षण गृह से चार अपचारी बालकों ने योजनाबद्ध तरीके से पहले यहाँ सुरक्षा में तैनात नगर सैनिक संजय मिश्रा और अटेन्डेन्ट गोपाल चंद्रा को पत्थर से मारकर घायल किया और उनके पास से मुख्य दरवाजे के ताले की चाबी चुराकर फरार हो गए। फरार हुए अपचारी बालक में 2 बच्चे गरियाबंद, एक बलौदाबाजार और एक सरायपाली निवासी हैं। बताया जाता है फरार अपचारी बालकों में दो चोरी, एक बलात्कार और एक गांजा तस्करी के मामले में लाए गए थे। जैसे ही बालकों के फरार होने की जानकारी संप्रेषण गृह के अन्य को हुई इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी और पुलिस को दी गई। इधर, घायल हुए नगर सैनिक और अटेंडेंट को प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर रिफर कर दिया गया है। घटना के बाद एसडीएम हरिसिंह पैकरा, नायब तहसीलदार और महिला एवं बाल विकास अधिकारी समीर पांडे मौके पर पहुँचकर जांच शुरू कर दी है।
तीन साल में 20 बच्चे फरार
बाल संप्रेक्षण गृह से फरार होने का यह पहला मामला नहीं है। 22 जून 2022 की सुबह तीन अपचारी बालक फरार हो गए थे। तीनों अपचारी बालकों ने कमरे के बाहर लगे चैनल गेट का ताला खोला और पीछे की दीवार फांदकर फरार हुए थे। इसी प्रकार 15 अक्टूबर 2021 को बाल संप्रेक्षण गृह से 9 अपचारी बालक एक साथ फरार हो गए थे। अपचारी बालक कमरे की खिड़की तोड़ दीवार के कंटीले तार पर चप्पल रख कूदकर फरार हुए थे। जिनमें 4 बच्चे बलौदाबाजार जिले और 5 बच्चे महासमुंद और सरायपाली ब्लॉक के थे। ये सभी बच्चे चोरी, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट और आबकारी के तहत शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह लाए गए हैं।  12 मई 2021 को भी यहां से 4 अपचारी बालक फरार हो गए थे। कोरोना काल के दौरान जब न्यायायिक मजिस्ट्रेट यहां निरीक्षण करने पहुंचे तो बाल संप्रेक्षण गृह के कमरों में आइसोलेट अपचारी बालकों के फरार होने की जानकारी हुई थी। बालकों ने कमरे की खिड़की की ग्रिल तोड़ दीवार के पास गिरे पेड़ के डंगाल के सहारे दीवार पर चढ़े और कूदकर फरार हो गए। इस तरह पिछले तीन साल में अब तक यहाँ से 20 बच्चे फरार हो चुके हैं।
सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
बाल संपे्रक्षण गृह से बच्चों के फरार होने की लगातार पुनरावृत्ति हो रही है। जबकि प्रबंधन द्वारा यहां सुरक्षा के लिए दीवार पर कंटीले तार और सीसीटीव्ही कैमरा लगा रखा है, बावजूद अपचारी बालक भागने में कामयाब हो जा रहे हैं। इस बार फरार अपचारी बालकों ने सुरक्षा में तैनात नगर सैनिक और अटेंडेंट को घायल कर चाबी चुराकर भाग निकले जो सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला है।

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