अधिकारियों की अनेदखी से विद्युत वितरण विभाग को लग रहा करोड़ो का चूना, बिजली बिल से गरीब आदमी त्रस्त
कोरबा। कोरबा में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्या. में घूसखोरी का मामला थम नही रह। आम के आम गुठलियों के दाम,मतलब काम का कमीशन तो है ही एवं समान चोरी में भी कमीशन वाला काम धडल्ले चल रहा है चुनावी माहौल साथ मे आचार संहिता का तड़का बेलगाम अधिकारी अपने काम को बेख़ौफ़ अंजाम दे रहे है । ऐसा ही एक मामला 132 केवी उपकेन्द्र भालूसटका से उरगा 33/11 केवी सबस्टेशन के लिए 33 केवी लाइन देने के लिए करोड़ो रुपये खर्च कर दीगर जिले के क्रिएटिव इंजीनियर कंपनी को दिया गया ठेकेदार ने आधा काम कर पूरे काम का भुगतान ले कर निकल गया और विद्युत वितरण विभाग को लाखों रुपये का चूना लगा गया ।
लगभग वर्ष 2021-23 में उक्त कार्य का टेंडर किया गया था जिसमे उरगा सहित वनांचल क्षेत्र के उपकेंद्रों को कोरबा 132 केवी से जोड़ना था जबकि उरगा,भैसमा सहित अनेक 33/11 उपकेंद्र जिला जांजगीर से संचालित है जबकि कोरबा अपने आप मे ऊर्जाधनी के नाम से पूरे देश मे प्रख्यात है। फिर भी कोरबा के करतला ब्लॉक के आधे से ज्यादा सबस्टेशन जांजगीर जिले से चार्ज है। इस उद्देश्य से 132 सबस्टेशन भालूसटका कोरबा से उरगा के 33/11 सबस्टेशन को चार्ज करने के लिए करोड़ रुपये की लागत लगा कर विद्युत वितरण विभाग ने निविदा जारी किया। जिसका काम दीगर जिले के क्रिएटिव इंजीनियरिग कंपनी को मिला, किन्तु बिना सोचे समझे करोड़ो का प्रोजेक्ट बनाने और उसे पास करने के लिए एस ई और प्रोजेक्ट के ईई ने किसी प्रकार की सुध नही ली कि आगे लाइन ले जाने में क्या समस्या आ सकती है,काम तो शुरू करा दिया गया क्योंकि उन्हें गांधी छाप से मतलब था। कमीशन के चक्कर मे सी एस ई बी के करोड़ो रूपये को बिना प्लान के पानी मे बहा दिया,और आज खम्बो से तार गायब हो गया जब इस संदर्भ में प्रोजेक्ट के ईई से चर्चा की गई तो उन्होंने पुलिस में लिखित शिकायत करने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है कि उसी उपकेंद्र से 33 केवी लाइन का टेंडर एक स्थानीय ठेकेदार को भी हुआ था जिसको 18 से 19 प्रतिशत बिलो में लिया गया जब उस टेकेदार को इस बात का भान हुआ कि इस रेट में काम नही हो सकता तो उसने अधिकारियों को साटने का काम शुरू कर दिया और उसकी मेहनत रंग लाई जब गांधी जी को देख कर अंग्रेज मान गए तो ये अधिकारी क्या चीज है गांधी छाप हरे हरे पत्ते देख कर उन्हों ने खंभे और अन्य समानो को को भी बोर्ड से दिला देने की बात कही नगदी दे कर काम तो पूरा हो गया पर 132 केवी उपकेंद्र से उरगा 33 केवी उपकेंद्र का मामला फस गया जो आज पर्यन्त तक पूरा नही हो पाया जिसमे बोर्ड द्वारा दिया गया डॉग कंडक्टर और लगभग आधे से ज्यादा सामान चोरी की भेंट चढ़ गया किन्तु आधिकार्यो द्वारा उस मामले को संज्ञान में भी लेना उचित नही समझा और विद्युत विभाग को करोड़ो का नुकसान उठाना पड़ा। जबकि पूर्व में हमारे द्वारा खबर भी प्रकाशित किया गया था कि रिंग रोड बाईपास में 11 केवी के लोहे के खंभे चोरी हो रहे है फिर भी विद्युत वितरण विभाग अपनी नींद से नही जगा और आज 10 से 12 किलोमीटर के एल्मुनियम तारो की चोरी साथ ही ठेकेदार को भुगतान मिला कर विद्युत वितरण विभाग को करोड़ो का नुकसान उठाना पड़ रहा है। आदर्श आचार संहिता के कारण अधिकारी इसका पूरा फायदा लेने में जुटे है।यदि इसकी जांच सही तरीके से किया जाए तो लाखों रुपये के कमीशन खोरी का मामला उजागर हो सकता है।इसी प्रकार के अनेक मामले कटघोरा क्षेत्र में में भी सामने आया है जहाँ 10 खम्भे लगने है वहाँ 5 से 7 खम्बे लगा कर काम सेटिंग में करा लिया गया है औऱ भुगतान पूरे काम का लिया गया है।