
नामी कंपनियों की एक करोड़ से ज्यादा की नकली दवाएं पकड़े जाने के बाद इसके छत्तीसगढ़ से लिंक तलाशने ड्रग विभाग अलर्ट हो गया है। अभी तक नकली दवा का कोई प्रकरण सामने नहीं आया है।
एहतियातन औषधि निरीक्षकों को ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में विभिन्न राज्यों से दवाओं की सप्लाई होती है, जिसमें हरियाणा भी शामिल है।
कुछ समय पहले हरियाणा में आधा दर्जन से ज्यादा बड़ी कंपनियों की नकली दवा बरामद की गई थी। इस मामले में गंभीरता दिखाते देशभर में नकली दवा खपाने की आशंका के आधार पर अलर्ट जारी किया गया है। इस आधार पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम को भी छत्तीसगढ़ में नकली दवाओं का लिंक तलाशने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा दवाओं के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए लैब भेजने के निर्देश दिए गए हैं। दवा कारोबार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में पहले दवा कंपनियां अपने सीएंडएफ अथवा गोदाम के माध्यम से दवाओं की सप्लाई करती थी, मगर अब दवा की खरीदी कारोबारी सीधे कंपनी से करता है, जिसकी वजह से दवाओं के अमानक होने से इंकार नहीं किया जा सकता। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में ओडिशा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, यूपी, बिहार तथा हरियाणा से भी दवाओं की खरीदारी ऑनलाइन तरीके से की जाती है। दूसरी ओर खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक केडी कुंजाम का कहना है कि इस संबंध में किसी तरह का आदेश नहीं मिला है, मगर प्रदेश में नियमित तौर पर दवाओं के सैंपल लेकर जांच की जाती है। अब तक नकली दवाओं का मामला सामने नहीं आया है, फिर भी एहतियात बरती जा रही है।
दस माह में 853 सैंपल
ड्रग विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष के छह माह में प्रदेशभर में विभिन्न तरह की दवाओं के 352 सैंपल की जांच की गई और केवल चार दवाओं को अमानक पाया गया, मगर उसके किसी तरह के नकली होने की बात सामने नहीं आई थी। वहीं वर्ष 2019-20 में 480 सैंपल की जांच में 32 दवाओं के स्पूरियस पाए गए थे। वर्ष 2020-21 में 689 सैंपल की जांच में 40 दवाओं को अमानक पाया गया था और वर्ष अप्रैल 2021-31 मार्च 22 तक 591 सैंपल की जांच में 36 दवाओं को अमानक पाया गया था।