Sunday, June 29, 2025

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विरासत तीन पीढ़ियों की साहित्यिक यात्रा का अनमोल संग्रह

संवाद साधना रायपुर। साहित्यिक परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का कार्य अत्यंत दुर्लभ और प्रशंसनीय होता है। “विरासत” नामक यह काव्य-संग्रह न केवल तीन पीढ़ियों के सृजनात्मक योगदान को एकत्रित करता है, बल्कि यह पारिवारिक साहित्यिक परंपरा को भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने का प्रयास भी करता है। बसंत रहाटगांवकर, विवेक रहाटगांवकर, विभास रहाटगांवकर और सारंग रहाटगांवकर की रचनाएँ समय के साथ विकसित होती साहित्यिक संवेदनाओं का सजीव उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।

बसंत रहाटगांवकर: संघर्ष और अनुभूतियों की झलक

बसंत रहाटगांवकर की कविताएँ उनके संघर्षमय जीवन के प्रतिबिंब के रूप में उभरती हैं। उनकी कविता –

“मेरी भी तमन्ना है कि दरिया में उतर जाऊं,
अंदर से डर भी है कि बेमौत भी मौत ना मर जाऊं।”

यह पंक्तियाँ उनकी आत्मसंघर्ष की गहराई को प्रकट करती हैं। जीवन की विषमताओं से जूझते हुए उन्होंने साहित्य को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया।

विवेक रहाटगांवकर: रिश्तों की गहराई

विवेक रहाटगांवकर की रचनाएँ मानवीय संबंधों, विशेष रूप से माता-पिता और संतान के रिश्तों की गहराई को दर्शाती हैं। उनकी कविता –

“माना कि मां का प्यार अनमोल होता है,
मगर पिता के बिना नसीब में यह जहां कहां होता है।”

यह दर्शाती है कि पारिवारिक प्रेम और मूल्यों का स्थान साहित्य में कितना महत्वपूर्ण है।

विभास रहाटगांवकर: आधुनिकता और जड़ों के बीच संघर्ष

विभास रहाटगांवकर पेशे से आर्किटेक्ट हैं, लेकिन उनकी कविताओं में आधुनिक शहरी जीवन और अपने गाँव की स्मृतियों के बीच खिंचाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। उनकी यह पंक्तियाँ –

“शहर की इस चमक-दमक में,
मैं अपने गांव को ढूंढता हूं।”

स्मृतियों और वास्तविकता के द्वंद्व को उजागर करती हैं।

सारंग रहाटगांवकर: नए युग की आवाज़

सारंग रहाटगांवकर की कविताओं में आज की युवा पीढ़ी की सोच, उनके द्वंद्व और यथार्थ को दर्शाया गया है। उनकी कविता –

“मुझसे झूठ जाने कब तक बोले जाओगे,
जैसा बोओगे वैसा ही पाओगे।”

यह स्पष्ट रूप से बताती है कि सत्य और असत्य के बीच का संघर्ष हर पीढ़ी में मौजूद रहा है।

निष्कर्ष: एक प्रेरणादायक काव्य-संग्रह

“विरासत” केवल कविताओं का संग्रह नहीं, बल्कि यह तीन पीढ़ियों के साहित्यिक अनुभवों, विचारधाराओं और भावनाओं का एक दस्तावेज है। यह न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए बल्कि शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणादायक सिद्ध होगा।

इस संग्रह की विशेषता यह है कि इसमें हर पीढ़ी की सोच, भाषा, भावनाएँ और जीवन के प्रति दृष्टिकोण का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। “विरासत” निश्चित रूप से साहित्य जगत में अपनी एक अनूठी पहचान बनाएगा और आने वाले समय में यह अन्य परिवारों को भी साहित्यिक परंपराओं को संरक्षित करने की प्रेरणा देगा।

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