00 जबकि गतवर्ष शुरुआती आठ माह में 310 सडक दुर्घटना में 172 की हुई थी मौत
महासमुंद ( संवाद साधना )। जिले में पिछले वर्ष हुए सड़क हादसे और इस वर्ष हुए सड़क हादसों के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वर्ष आठ माह में सड़क हादसे बढ़े जिसमें जान गंवाने वालों की संख्या अधिक है। पर इन हादसों में पिछले वर्ष की अपेक्षा घायलों की संख्या कम है।
यातायात पुलिस से मिले पिछले वर्ष और इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक हुए सड़क हादसों के आंकड़े पर नजर डालें तो पिछले वर्ष जिले में 8 माह के भीतर 310 सड़क हादसों में 172 लोगों ने जान गंवाई थी जबकि इस वर्ष 319 सड़क हादसे में 191 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जान गंवाने वाले ज्यादातर बाइक चालक और सवार हैं जिनमें अधिकांश हादसे का शिकार अपनी गलतियों के कारण हुए हैं जिनमें उनके साथ सवार उनके साथी या रिश्तेदार को भी जान गंवानी पड़ी है।
सपाट सड़क और घुमावदार मोड़ बड़ा कारण
पहले सड़क हादसों की वजह सड़क पर बने जानलेवा गड्ढों को माना जाता था लेकिन अब जिले में ऐसी स्थिति नहीं के बराबर है। इसके बाद भी हादसे बढऩे की वजह अब सपाट सड़कें और घुमावदार मोड़ है जो हादसे की वजह बन रहे हैं। सपाट सड़कों की वजह से बाइक ही नहीं, चारपहिया और मालवाहक चालकों का भी स्पीड पर कंट्रोल नहीं रह गया है जिससे वे घुमावदार मोड़ और क्रासिंग पर अन्य को अपनी चपेट में ले लेते हैं या तो स्वयं हादसे का शिकार हो जाते हैं या फिर सामने से आ रहे वाहन से भिड़ जाते हैं और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ जाती है। जिले में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है जिसमें लोगों को जान गंवानी पड़ी है।
इसमें कुछ दिन पूर्व बसना थाना क्षेत्र में अपनी बहन को बस बैठाकर सड़क पार कर रहे युवक को एक कार चालक ने रौंद दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसी तरह तुमगंाव थाना क्षेत्र में ड्यूटी से वापस लौट रहे खल्लारी थाने में पदस्थ एएसआई को अज्ञात कार चालक ने ठोकर मार दिया जिससे वे गंभीर रुप से घायल हो गए और रायपुर में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।