मानदेय बढ़ोतरी और सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग
रायपुर , संवाद साधना। छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं 13 अगस्त को एक दिवसीय धरना देकर राज्य सरकार से अपनी मांग करेंगी। संगठन का कहना है कि वे 1975 से महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत 16 से अधिक योजनाओं और विभिन्न विभागीय कार्यों को बिना पर्याप्त संसाधन और प्रशिक्षण के पूरा कर रही हैं, लेकिन उन्हें मात्र कार्यकर्ता को 10,000 और सहायिका को 5,000 मानदेय दिया जाता है। बढ़ते कार्य घंटे, पोषण ट्रैकर एप की तकनीकी परेशानियां, और फील्ड में सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के बावजूद सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। प्रमुख मांगों में कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, मध्यप्रदेश की तर्ज पर 10त्न वार्षिक मानदेय वृद्धि, पर्यवेक्षक भर्ती में आयुसीमा हटाना, सेवानिवृत्ति पर 10 लाख, 5त्र मोबाइल और नेट खर्च की सुविधा, तथा सम्मान सुविधा प्रणाली को बंद करना शामिल है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि 13 अगस्त के बाद भी मांगें नहीं मानी गईं तो 1 सितंबर को प्रदेशभर की लाखों महिलाएं राजधानी में प्रांतीय स्तर पर धरना देंगी।