रायपुर, (संवाद साधना)। राजधानी स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल (मेकाहारा) में पत्रकारों के साथ हुई मारपीट और जान से मारने की धमकी की घटना ने प्रदेश में बड़ा राजनीतिक और सामाजिक विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना के विरोध में राजधानी के पत्रकार संगठनों में भारी आक्रोश फैल गया। पत्रकारों ने देर रात तक मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चार आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तीन बाउंसरों के सिर मुंडवाकर जयस्तंभ चौक से जुलूस निकाला। पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता पत्रकार शिवम मिश्रा (27) ने मौदहापारा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि 25 मई की रात करीब 9:30 बजे उन्हें सूचना मिली कि आईबीसी-24 के पत्रकार तहसीन जैदी के साथ मेकाहारा अस्पताल में कवरेज के दौरान सिक्योरिटी गार्ड और स्टाफ ने दुर्व्यवहार किया है। सूचना मिलते ही शिवम मिश्रा अन्य पत्रकारों के साथ मौके पर पहुंचे। वहां बातचीत के दौरान बाउंसर जतीन ने पत्रकारों को गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी और मारपीट शुरू कर दी। पत्रकार जब खुद को बचाने बाहर भागे, तो अस्पताल गेट के बाहर पहले से मौजूद वसीम बाबू, सुरज राजपूत और मोहन राव गौरी ने उनका रास्ता रोक लिया। इसी दौरान वसीम बाबू ने अपनी कमर से पिस्टल निकालकर पत्रकारों की ओर तान दी और धमकी दी आज यहीं निपटा दूंगा।इस हमले में पत्रकार अविनाश चंद्रवंशी और शिवम मिश्रा घायल हो गए।
मुख्यमंत्री आवास के बाहर डटे रहे पत्रकार
घटना के विरोध में पत्रकारों ने देर रात मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर दिया। धरना स्थल पर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह स्वयं पहुंचे। साथ ही, मेकाहारा के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर भी मौके पर आए और सडक़ पर बैठकर पत्रकारों से माफी मांगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि कॉल मी सर्विस नामक बाउंसर एजेंसी का टेंडर निरस्त करने की अनुशंसा की जाएगी और भविष्य में पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
पुलिस ने आरोपियों वसीम बाबू, सुरज राजपूत, मोहन राव गौरी और बाउंसर जतीन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 296, 115(2), 351(2), 126(2), 3(5) एवं आयुध अधिनियम की धारा 25 और 27 के तहत एफआईआर दर्ज की है। गिरफ्तारी के बाद वसीम बाबू के पास से पिस्टल और कारतूस भी बरामद किए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री और नेताओं की प्रतिक्रियाएं
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पत्रकारों से फोन पर बातचीत कर आश्वासन दिया कि ऐसे असामाजिक तत्वों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा।
वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बयान जारी कर कहा, सरकारी अस्पताल में पत्रकारों पर हुआ यह हमला अत्यंत निंदनीय है। पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए मैं मजबूती से उनके साथ खड़ा हूं।