स्वच्छ इस्पात को मिली रफ्तार, 1.5 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कटौती का लक्ष्य
आंध्र प्रदेश से हरित ऊर्जा की सप्लाई शुरू, स्टील उत्पादन होगा और साफ़-सुथरा
रायपुर (संवाद साधना)। हरित इस्पात निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए आर्सेलर मित्तल ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा परियोजना में 1 गीगावॉट क्षमता की सौर और पवन ऊर्जा परियोजना से एएम/एनएस इंडिया को बिजली आपूर्ति शुरू की है। यह संयंत्र आंध्रप्रदेश में स्थित है और इसे आर्सेलर मित्तल की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी एएम ग्रीन एनर्जी ने विकसित और संचालित किया है। करीब 700 मिलियन डॉलर की लागत वाली इस परियोजना से एएम/एनएस इंडिया जो आर्सेलर मित्तल और निप्पॉन स्टील का 60:40 संयुक्त उद्यम है, जिसमें सालाना 2.5 बिलियन किलोवॉट-घंटा बिजली मिलेगी, जिससे 1.5 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन की कटौती संभव होगी। इससे कंपनी को 2030 तक कार्बन तीव्रता में 20 प्रतिशत कमी के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना को हाइब्रिड मॉडल पर तैयार किया गया है, जिसमें सौर और पवन ऊर्जा को एक जल-आधारित पम्प्ड स्टोरेज प्रणाली से जोड़ा गया है। जून 2025 तक पूरी तरह सक्रिय होने पर यह संयंत्र कम-से-कम 250 मेगावाट की राउंड-द-क्लॉक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, जो इस्पात जैसे ऊर्जा-गहन उद्योगों के लिए जरूरी है। आर्सेलर मित्तल के सीईओ आदित्य मित्तल ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा में यह निवेश हमें स्वच्छ, लागत-प्रभावी ऊर्जा सुरक्षा देता है और हमारे डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्य को मजबूती देता है। यह भारत में हमारी पहली चालू हरित ऊर्जा परियोजना है और सबसे तेज़ पूर्ण होने वाली परियोजनाओं में से एक है।भ्यर्थी किसी भी विषय में स्नातक डिग्रीधारी होना चाहिए।