रायपुर। राज्य सरकार कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति से पहले विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रही है। यह संशोधन जुलाई में शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र से पहले लागू किया जाएगा ताकि पूर्णकालिक कुलपति की नियुक्ति हो सके।
कांग्रेस सरकार के फैसले को बदलने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने 2019 में विश्वविद्यालय अधिनियम में बदलाव कर कुलपति पद के लिए आवश्यक योग्यता में पत्रकारिता क्षेत्र के अनुभवी प्रोफेशनल्स को भी शामिल किया था। इससे पहले तक केवल प्रोफेसर पद पर अनुभव रखने वालों को ही योग्य माना जाता था। बघेल सरकार के इस संशोधन के बाद वरिष्ठ पत्रकार बलदेव शर्मा विश्वविद्यालय के पहले प्रोफेशनल कुलपति नियुक्त किए गए थे। उनके कार्यकाल की समाप्ति के बाद से रायपुर कमिश्नर महादेव कावरे 1 मार्च से प्रभारी कुलपति के रूप में कार्यरत हैं।
साय सरकार फिर से लागू करेगी मूल नियम
अब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जो उच्च शिक्षा विभाग के भी प्रभारी हैं, मूल अधिनियम को पुन: लागू करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। सरकार 2019 के पहले वाले नियमों को बहाल करने के लिए अध्यादेश लाने की योजना बना रही है, जिसे मानसून सत्र में विधेयक के रूप में पारित कर कानून का रूप दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इसी संशोधन की प्रक्रिया के कारण फिलहाल ठाकरे विश्वविद्यालय में नए कुलपति की चयन प्रक्रिया रोकी गई है। संशोधन के बाद ही नए कुलपति की नियुक्ति की जाएगी, ताकि नया सत्र स्थायी नेतृत्व के साथ शुरू हो सके।