Saturday, June 28, 2025

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30 वर्षीय महिला की हृदय सर्जरी कर बचाई जान

हृदय रोग से पीड़ित थी महिला, अब पूरी तरह से स्वस्थ

रायपुर(वि.)। आंबेडकर अस्पताल में जन्मजात बीमारी एब्सटिन एनामली की सर्जरी कर 30 वर्षीय महिला की जान बचाई। ये सर्जरी हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर विभाग के डा. कृष्णकांत साहू ने अपनी टीम के साथ मिलकर किया। ये बीमारी दो लाख हृदय रोगियों में से किसी एक को होती है। डा. केके साहू ने बताया कि सर्जरी के बाद महिला को बोबाइन टिश्यू वाल्व लगाया गया। भिलाई में रहने वाली 30 वर्षीय महिला जब गर्भवती थी, तब उसके हाथ-पैर में सूजन एवं अत्यधिक सांस फूलने की शिकायत होने लगी। गर्भवती होने के कारण स्त्रीरोग विभाग में भर्ती किया गया। जांच में पता चला कि इनको एब्सटिन नामक दुर्लभ बीमारी है। फिर उन्होंने मरीज को हार्ट सर्जन डा. कृष्णकांत साहू के पास सलाह के लिए भेजा। आपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है, और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

क्या होता है एब्सटिन एनामली : यह एक जन्मजात हृदय रोग है। जब बच्चा मां के पेट के अंदर होता है, उस समय छह हफ्ते में बच्चे के दिल का विकास होता है। इसी विकास के चरण में बाधा आने पर बच्चे का हृदय असामान्य हो जाता है। इस बीमारी में मरीज के हृदय का ट्राइकस्पिड वाल्व ठीक से नहीं बन पाता और यह अपनी जगह न होकर दायें निलय की तरफ चले जाता है। जिसके कारण दायां निलय ठीक से विकसित नहीं हो पाता है। साथ ही साथ हृदय के ऊपर वाले चेंबर में छेद हो जाता है। इससे दायां निलय बहुत ही कमजोर हो जाता है। फेफड़े में पहुंचने वाले खून की मात्रा कम हो जाती है, जिससे रक्त को पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिल पाता, इससे शरीर नीला पड़ जाता है। आक्सीजन का स्तर 70 से 80 के बीच या इससे भी कम रहता है। इसी कारण मरीज ज्यादा साल तक नहीं जी पाते। मरीज या तो अनियंत्रित धड़कन या राइट वेन्ट्रीकुलर फेल्योर के कारण मर जाते हैं।

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