
कोरबा पाली/अपेक्स इंटरनेशनल स्कूल पाली में स्पर्श सेमिनार का आयोजन किया गया ।जिसमें भारी संख्या में पालकगण,बच्चे की उपस्तिथि रही। बच्चों से संबंधित आधुनिक समस्याओं पर आधारित था।
आज के समय में परीक्षा से भय, मोबाइल में लगे रहना अवसाद ग्रसित होना, अनुशासनहीन होना बच्चों में आम समस्याएं हैं ,
इन्ही मुद्दों पर चर्चा के लिए अपेक्स इंटरनेशनल स्कूल पाली के द्वारा स्पर्श सेमिनार का आयोजन किया गया था ।
विद्यालय संचालक गणेश जायसवाल की उपस्थिति में लाइफ कोच, शिक्षाविद डॉक्टर निधि अग्रवाल सेमिनार में उपस्थित रही। पालकगणों के द्वारा बताएं जाने वाले समस्याओं को शिक्षाविद डॉक्टर निधि अग्रवाल के द्वारा विस्तार से उदाहरण देते हुए बताया गया।
अपेक्स इंटरनेशनल स्कूल में प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया एवं समझाया गया।बच्चों के सामने नकारात्मक शब्दों का प्रयोग न करें जरूरी नहीं है कि बच्चे की हर जरूरत को पूरी किया जाए। कई बार आपको बच्चों को कई चीजों के लिए मना भी करना पड़ता है, लेकिन कई बार उन्हें सीधा न शब्द बोलने पर इसका बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है।
सामान्य ज्ञान, माता-पिता अपने बच्चों के विकास और व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं।
हम इसे स्वीकार करना चाहें या नहीं, माता-पिता एक बच्चे के सबसे प्रभावशाली रोल मॉडल होते हैं । माता-पिता के रूप में, हम किसी भी अन्य वयस्क की तुलना में अपने बच्चों के साथ अधिक समय बिताते हैं। हम अपने बच्चों को अपने मूल्यों के साथ-साथ अपनी पसंद/नापसंद भी सिखाते हैं।स्वस्थ पालन-पोषण का अर्थ है पूरे बच्चे का पालन-पोषण करना, शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक जरूरतों को पूरा करना। अच्छे पालन-पोषण की परिभाषा यह स्वीकार करती है कि पालन-पोषण एक कला और कौशल दोनों है।अपने बच्चे के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखना, साथ ही उपस्थित रहना, शामिल होना और मददगार होना। इसमें शामिल हैं: उन्हें स्कूल, उनके शौक और रुचियों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करना । बिना किसी निर्णय के सुनना और उनकी चिंताओं और चुनौतियों को समझने की कोशिश करना।बच्चा जब 3 साल का होता है तब तक उसके दिमाग का आकार बढ़कर वयस्क के दिमाग के आकार का 80% हो जाता है। और 5 वर्ष की उम्र तक उसका दिमाग पूरी तरह विकसित हो जाता है माता-पिता के रूप में, आप अपने बच्चे के बुनियादी मूल्यों, जैसे धार्मिक मूल्यों, और उनके भविष्य से संबंधित मुद्दों, जैसे शैक्षिक विकल्पों को प्रभावित करते हैं। अपने बच्चे के साथ आपका रिश्ता जितना मजबूत होगा, आप का उतना ही अधिक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि आपका बच्चा आपका मार्गदर्शन लेगा और आपकी राय और समर्थन को महत्व देगा। इस आयोजन में विद्यालय प्रशासक अमन पांडे और शिक्षकों के नेतृत्व में कार्यक्रम बहुत ही सफल और प्रेरक रहा।
