Tuesday, July 1, 2025

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मणिपुर की हिंसक घटनाएं केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों की असफलता का प्रतीक:- राशि

राज्य सरकार की अविलंब बर्खास्तगी की मांग व राज्य में शांति व्यवस्था बहाल करने कड़े उपायों की मांग की।

महासमुंद ( संवाद साधना )। मणिपुर में विगत महीनों से अनवरत जारी हिंसक घटनाएं केंद्र व राज्य की सरकारों की नीतियों की असफलता का प्रतीक है । मातृ शक्तियों को निर्वस्त्र घुमाने व उन पर हिंसक यातनाएं देने से पूरे विश्व समुदाय में भारत की साख गिरी है । उक्त बातें महासमुंद पालिकाध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग ने कही।
श्रीमती महिलांग ने कहां कि विगत तीन महीनों से मणिपुर में ‘मैतई कुकी’ समुदायों के बीच अनवरत हिंसक घटनाएं हो रही है, और उस हिंसा में बड़ी संख्या में जनमानस प्राण गंवा बैठी और अनेक लोग घायल अवस्था में है। फिर भी सरकार चिर निद्रा में लीन होकर इन घटनाओं में लगाम लगाने में पूरी तरह विफल रही है। आश्चर्य जनक बात यह है कि, केंद्र व राज्य सरकार ने इस विषय पर कुछ कहने से मौन साध लिया है। वहीं कार्यवाही के नाम पर मात्र संचार सेवा इंटरनेट को पूरे प्रदेश में बंद कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ली, जो बेहद निंदा जनक है ।
श्रीमती महिलांग ने आगे कहा कि, बीते कल में प्रदेश की महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाकर उन पर बेहद क्रूर रूप से यातना दी गई जो बेहद निंदाजनक है। साथ ही इस शर्मनाक घटना ने पूरे विश्व समुदाय में वर्तमान केंद्र शासनकाल में भारत वर्ष में महिलाओं की वास्तविक स्थिति को दर्शाया है । एक तरफ केंद्र सरकार अपने स्व कब्ज़ा वाले मीडिया तंत्र से अपने शासनकाल में पूरे सम्मान से नारी शक्ति में बढ़ोतरी व विभिन्न योजनाओं से संपूर्ण नारी शक्ति की गाथा कहने का स्वांग रचती है और उन्हीं के शासित प्रदेश में ऐसी नारी पर अपमान जनक जैसी घटनाएं घटित होती है। जिसकी रोकथाम में केंद्र व राज्य की दोनों सरकारें विफल रही है l
श्रीमती महिलांग ने कहा कि हिंसा ग्रस्त मणिपुर राज्य में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत अनेक नेताओं को घटनास्थल पर जाने से सरकार रोके जाने का आदेश पारित करती है। इस आदेश से सरकार अपनी नीतियों के कलई खुलने का भय को दर्शाता है । एक ओर देश के मुखिया अपने संबोधनों में देश की नारियों को माँ कौशल्या माता, सीता, माँ दुर्गा की तरह अनेक रूपों को परिभाषित करते है और उन्ही नारी शक्तियों के साथ ऐसी अपमानजनक घटनाओं को रोकने में कोई कारगर उपाय नहीं करते है जो इनकी कथनी व करनी को प्रदर्शित करता है ।
श्रीमती महिलांग ने कहां कि आज नारी शक्ति व उत्पीड़न को लेकर पूर्व में प्रदर्शन करने वाली सत्तारूढ़ दल के नेत्रियां आखिर क्यों चुप्पी साध ली है । पालिकाध्यक्ष ने राष्ट्रपति महोदया से इन घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार की अविलंब बर्खास्तगी की मांग व राज्य में शांति व्यवस्था बहाल करने कड़े उपायों की मांग की है ।

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