(कोरबा) पाली :जन शिक्षा केंद्र परसदा के तत्वाधान में शासकीय प्राथमिक शाला फुलवारी पारा के प्रधान पाठक श्री आर.के. श्रीवास्तव के सेवानिवृत्ति पर सम्मान समारोह का आयोजन श्री एस.एन. साहू विकास खंड शिक्षा अधिकारी पाली के मुख्य आतिथ्य में एवं डी.एस. नेगी प्राचार्य आत्मानंद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पाली श्री एम. पी.पटेल प्राचार्य एकलव्य विद्यालय पाली जे.पी.मरकाम प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परसदा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजेंद्र कुमार वर्मा एवं श्रीमती ज्योति शुक्ला प्राचार्य शा.उ.मा.वि.सिल्ली के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित किया गया।। मंचस्थ अतिथियों ने सर्वप्रथम मां सरस्वती के छाया चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया,इस अवसर पर ग्राम वासियों ने प्रभात फेरी के माध्यम से अतिथियों का शोभा यात्रा के माध्यम से आतिशी स्वागत किया तत्पश्चात शाल श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर सेवानिवृत्त हो रहे प्रधान पाठक श्री आर.के. श्रीवास्तव एवं श्री डी.आर.कोटरे प्रधानपाठक सरगबुंंदिया का मंचस्थ अतिथियों ने स्वागत करते हुए उनके 40 वर्षों के सेवाकाल के दौरान विद्यालय को दिए गए उनके योगदान को याद किया। एवं उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी इस अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री एस.एन. साहू जी ने कहा कि शिक्षक का दायित्व केवल विद्यालय में ही नहीं होता बल्कि समाज के सर्वांगीण विकास में शिक्षक की अभूतपूर्व योगदान होता है और श्रीवास्तव जी के इन्हीं सामाजिक सरोकार को देखकर आज के सेवानिवृत्ति समारोह के इस आयोजन में उपस्थित जनसमुदाय को देखकर के लग रहा है की श्रीवास्तव जी ने इन्हीं सामाजिक सरोकार से अपना नाता जोड़ा था और यही शिक्षक की सबसे बड़ी पूंजी होती है। शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ साहित्य लेखन के क्षेत्र में भी उनके कलम की जादूगरी रही जिसका जीवंत उदाहरण है कि आज हम इस मंच से उनकी कहानियों का संग्रह पचरंगी कहानियों का विमोचन किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में सभा को संबोधित करते हुए आत्मानंद शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय पाली के प्राचार्य श्री डी.एस. नेगी सर ने कहा कि साहित्यकार की जो सबसे पहली कसौटी होती है वह लेखन में मात्रा,विराम चिंन्ह के साथ-साथ साहित्य प्रेमियों को बांधे रखने का भाव जो श्रीवास्तव जी ने अपने कहानियों के माध्यम से बखूबी पूरा किया है। विशिष्ट अतिथि श्री एम.पी. पटेल जी ने अपने अनुभव के आधार पर सेवानिवृत्त हो रहे दोनों प्रधान पाठकों के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करते हुए कहा कि अब आगे का जीवन वह समाज के सर्वांगीण विकास में और भी देंगे और अपने कहानियां पचरंगी कहानियां को सप्तरंगी और बहुरंगी तक की यात्रा में ले जाएंगे।शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती ज्योति शुक्ला मैडम ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षक की सबसे बड़ी पूंजी होती है समाज और उनके बच्चे, सेवानिवृति के अवसर किसी शिक्षक की लोकप्रियता को महसूस किया जा सकता है और आज इस मंच से हम सभी उस भावना को महसूस कर रहे हैं। इस पूरे आयोजन के सूत्रधार एवं। किसी सेवानिवृत्ति पर अपनी तरह के अभूतपूर्व सम्मान समारोह का आयोजन करने वाले श्री विनय पांडेय शैक्षिक समंवयक के प्रयासों की ग्रामवासियों सहित सभी अतिथियों ने भूरी भूरी प्रशंसा की।इस अवसर पर विद्यालय में बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से इंद्रधनुषी छटा बिखेरकर लोगो की खूब तालियां बटोरी।सम्मान समारोह के पश्चात सेवानिवृत्त हो रहे प्रधान पाठक श्री आर.के श्रीवास्तव के कहानी संग्रह पचरंगी कहानियाँ का विमोचन मंचस्थ अतिथियों ने किया इस अवसर पर गांव वालों के लिए निशुल्क नेत्र शिविर का भी आयोजन किया गया था जिसे कवर्धा से आये नेत्र विज्ञानी डॉ अमन बिसारिया ने लोगो से नेत्र रोगो से बचाव करने संबंधित जानकारी देकर के लोगों का निशुल्क नेत्र परीक्षण किया.।इस अवसर पर संकुल परसदा के शिक्षक बद्री प्रसाद साहू,श्रीमती बीनू पोर्ते,श्रीमती प्रियंका सोनी,श्रीमती पदमा ठाकुर,श्रीमती सुखबाई,श्रीमती रीतू अरोरा,श्रीमती आशा,जी डी बंजारे,मनीष शर्मा,ललित जगत राजेश टेकवानी सिल्ली सकूल से अशोक उपाध्याय, अनपूर्णा राजपूत,नीरज कोशले,नागेंद्र मरावी और बहुत से शिक्षक उपस्थित रहे साथ ही ग्रामीण जन देवानंद पंथ,गुलाब यादव,अमर यादव,घनश्याम,प्रहलाद राव,संतोष यादव के साथ ही ग्रामीण जन महिलाए और बच्चे उपस्थित रहे कार्यक्रम का सफल संचालन मुकेश श्रीवास्तव प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर रतनपुर द्वारा किया गया।