Thursday, June 26, 2025

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अवैध जमीन कब्जा और बेसकीमती लकड़ी कटाई का मामला,कटघोरा वन मंडल एक बार फिर सुर्खियों में…

कोरबा जिला के कटघोरा वन मंडल हमेशा सुर्खियों में रह है। बेसकीमती पेडों की अवैध कटाई, मुरुम उत्खनन, जंगल के नदी नालों से अवैध रेतों को निकालना जैसे कर्मकांड के लिए चर्चित रहा है।वही अब जंगलो में अवैध तरीके से वन भूमि में अतिक्रमण का मामला सामने आया है।

कटघोरा के एक व्यवसायी सतीश धनोदिया के दादागिरी से सुतर्रा के ग्रामीण व आमजन परेशान है, और वन विभाग तथा राजस्व विभाग के अधिकारी मेहरबान है! मामला कटघोरा से पाली मार्ग पर सुतर्रा नर्सरी के बगल में सतीश धनौदिया व उनके सहयोगी के द्वारा लगभग 60 से 70 नग साल वृक्षों की अंधाधुन कटाई कर दिया गया है, और वन भूमि में अवैध कब्जा कर बाउंड्री वाल लिया गया है!  वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों करोड़ों रूपया के बेस कीमती जमीन औऱ सागौन, सरई के पेड़ों को सतीश धनौदिया ने हथिया लिया है, साथ ही उक्त जमीन को ईट के दीवाल उठाकर बाऊंड्रीवाल कर लिया!

अतिक्रमणकारी सतीश धनोदिया के द्वारा जे. सी. बी. से खोदाई करवा कर रातो रात बाऊंड्रीवाल तैयार किया गया है, और वन विभाग के अधिकारी व राजस्व विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बनकर देख रहे है!  वन विभाग में पदस्थ रहे तत्कालीन रेंजर शहादत खान का इस कृत्य में विशेष योगदान रहा।उनके ही कार्यकाल मे उक्त जमीन अतिक्रमणकारी के हत्थे चढ़ गया, अन्य अधिकारी सब जानते हुये  देखते हुये भी मूकदर्शक बनकर बैठ गये!

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि तत्कालिन रेंजर शहादत खान ने सतीश धनोदिया का खुलकर सहयोग किया और पेड़ काटने की अनुमती के लिये वन मंडल कार्यालय में आवेदन लगवा दिया, जबकी तत्कलीन रेंजर शहादत खान को पता था कि वन विभाग जो है अनुमती नही देगा उसके बाद भी गैर जिम्मेदाराना तरीका से सपोर्ट किया। इस मामले में कोरबा जिला कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, कटघोरा डीएफओ, रेंजर के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही किया जाना समझ से परे है ,जिससे अतिक्रमणकारी सतीश धनोदिया का मनोबल बढ़ गया! लाखों करोड़ो रूपया की जमीन को काबिज कर बेस कीमती साल,सराई के पेड़ो का अंधाधुन कटाई कर दिया गया!

मज़े की बात तो यह है कि उक्त कटाई किये हुये बहुमूल्य लकड़ी को वन विभाग के द्वारा जप्ती भी नही बनाया गया, इससे स्पष्ट होता है कि सतीश धनौदिया के ऊपर कार्यवाही करने में अधिकारियों का भी पसीना छूट रहा है, मतलब साफ तौर पर कहा जा सकता है कि अधिकारियों के उपर सतीश धनोदिया भारी पड़ रहा है औऱ उसके हौसले बुलंद होते जा रहे है, जिसके कारण पेड़ों की कटाई भी हो गई,और जमीन की खुदाई भी, साथ ही दीवाल भी खड़ा हो गया!

बहरहाल आने वाले समय में लोग जमीन के लिये तरसेंगे, और ऐसे भूमाफिया दलाल लोग राज करेंगें! अगर शासन प्रशासन ऐसे मामले में उचित कार्यवाही करते हुये अतिक्रमण नही हटाता है तो आने वाले समय में हजारों एकड़ जमीन को जमीन दलाल व अतिक्रमणकारी कब्जा कर लेंगें, वन्यप्राणी, जंगल मे रहने वाले गरीब आदिवासियों को रहने के लिये जमीन नही मिलेगी, फिलहाल ठोस कार्यवाही के इंतजार में सुतर्रा के ग्रामीण टकटकी लगये बैठे है।

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