Thursday, June 19, 2025

Latest Posts

महबूबा मुफ्ती को सरकारी घर छोड़ने का आदेश, बोलीं- बहन के घर जाऊंगी

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को अब श्रीनगर के गुप्कर रोड पर स्थित 8 कमरों वाले हाई सिक्योरिटी बंगले ‘फेयर व्यू गेस्ट हाउस’ को छोड़ना होगा. उनपर सरकारी आवास को छोड़ने का दबाव अब बढ़ने लगा है.

लेकिन अभी तक दूसरे विकल्पों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और जम्मू कश्मीर प्रशासन के बीच कोई आम सहमति नहीं बन पाई है. मुफ्ती साल 2005 से इस आवास में रह रही थीं. खूबसूरत बगीचे से घिरे इस फेयर व्यू गेस्ट हाउस को महबूबा के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद को साल 2005 में आलॉट किया गया था, जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था.

महबूबा मुफ्ती ने 2016 (अप्रैल) और 2018 (जून) के बीच मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इस आवास में रहना जारी रखा. इस आवास में बाद में प्रेस ब्रीफिंग और पार्टी की बैठकों के लिए एक कॉन्फ्रेंस हॉल भी बनवाया गया था. महबूबा को जून 2018 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी आवास में रहने की इजाजत दी गई थी. हालांकि अब महबूबा के पास कोई संवैधानिक पद नहीं है. यही कारण है प्रशासन चाहता है कि वह फेयर व्यू गेस्ट हाउस तुरंत खाली कर दें.

15 नवंबर तक घर खाली करने का निर्देश

जम्मू कश्मीर के संपदा विभाग ने मुफ्ती को नोटिस दिया था और निर्देश था कि वह 15 नवंबर तक घर खाली कर दें. नोटिस में कहा गया था कि महबूबा ने नोटिस के जवाब में जो तर्क पेश किया वो पूरी तरह से आधारहीन है. विभाग नें कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. महबूबा मुफ्ती इस सरकारी घर में पिछले 17 सालों से रह रही थीं. महबूबा ने यह तर्क दिया था उन्हें गुप्कर रोड पर स्थित ये सरकारी आवास सुरक्षा के आधार पर प्रदान किया गया था, न कि मुख्यमंत्री निवास के तौर पर. प्रशासन ने उनके तर्क को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि सरकार उन्हें एक दूसरा आवास रहने के लिए दे रही है, इसलिए उन्हें अब इसे छोड़ना होगा.

महबूबा ने ठुकराया मकान

महबूबा ने अब तक सरकार द्वारा सुझाए गए एक मकान को ठुकरा दिया है, जो तुलसीबाग में उन्हें दिया जा रहा था. पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुफ्ती को आलॉट किया गया वीआईपी बंगला खराब और बेकार था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महबूबा ने कहा, ‘मैं अब अपनी बहन के घर रहने जा रही हूं. वह विदेश में रहती है. हमारे पास अब कोई ऑप्शन नहीं बचा. उस घर में प्राइवेसी की कमी थी, जो हमें तुलसीबाग में दिखाया गया था. तुलसीबाग वाले घर की स्थिति भी अच्छी नहीं थी, इसलिए हमने इसे लेने से साफ इनकार कर दिया.

Latest Posts

Don't Miss