नए साल में बसों में जीपीएस सिस्टम के साथ पैनिक बटन*
महासमुंद। बसों में होने वाली आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए राज्य परिवहन विभाग ने यात्री बसों के साथ ही सिटी बसों में जीपीएस सिस्टम के साथ पैनिक बटन लगाए जाने का फैसला लिया है। उक्त फैसले के तहत पूर्व की पुरानी बसों के साथ सड़कों पर दौडऩे वाली नई बसों में इसे लगाने की योजना बनाई है।
जानकारी के मुताबिक बसों में जीपीएस व पैनिक बटन सिस्टम की योजना पर कार्य नए वर्ष शुरू हो जाएगी। बसों पर नजर और सतत मॉनिटरिंग करने के लिए रायपुर राजधानी में कंट्रोल रूम भी तैयार कर लिया गया है। बता दें कि जिले में सिटी बसें तो फिलहाल एक भी नहीं पर यात्री बसें करीब दो सौ से भी अधिक संख्या में हैं जिनमें यह सिस्टम लगने के बाद न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा बढ़ जाएगी बल्कि बसों में किसी भी तरह की अपराधिक घटनाएं नहीं हो पाएगी। इस संबंंध में जिला बस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चंद्राकर का कहना है कि बसों में जीपीएस और पैनिक बटन का सिस्टम लागू किए जाने की जानकारी रायपुर संघ की ओर से उन्हेें भी मिली है। हालांकि इस संबंध में विभाग से किसी तरह की जानकारी नहीं मिली है।
*एक बस में तीन जगह लगेंगे पैनिक बटन*
योजना के तहत यात्री बसों में जीपीएस सिस्टम के साथ पैनिक बटन लगाना अनिवार्य किया है। इसके तहत एक बस में तीन पैनिक बटन लगाए जाएंगे। दो बटन बस के दोनों गेट के पास लगेंगे और एक बटन बस ड्राइवर की सीट के पास लगाया जाएगा। इस तरह यात्री बस के दोनों गेट पर लगा कोई भी बटन दबाकर मदद मांग सकता है। वहीं ड्राइवर केबिन में पैनिक बटन लगाने का उद्देश्य यह है कि कभी किसी यात्री को बटन दबाने का मौका नहीं मिला तो ऐसी स्थिति में ड्राइवर बटन दबा सके, जिससे उन्हें तत्काल मदद मिल पाए।
*कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से रखी जाएगी नजर*
बसों में सीसीटीवी कैमरे के अलावा जीपीएस सिस्टम एवं पैनिक बटन लगने से आपराधिक घटनाओं पर विभाग की 24 घंटे नजर रहेगी। बस में लगा पैनिक बटन लोगों की मदद के लिए रहेगा, जिसे दबाते ही खतरे का अलार्म सीधे कंट्रोल रूम में बजेगा अलार्म किस बस में बजा है और उस समय बस कहां से गुजर रही है, ये सारी जानकारी अलार्म बजने के साथ ही कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर नजर आने लगेगी। कंट्रोल रूम में सभी बसों के ड्राइवर एवं कंडक्टरों का मोबाइल नंबर भी रहेगा, जिस पर तत्काल संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली जाएगी। संपर्क नहीं होने पर उस इलाके के करीबी थाने को सूचना देकर तत्काल मदद भेजी जाएगी। शासन के फैसले के तहत योजना की शुरुआत शहर के सिटी बसों से की जाएंगी। जीपीएस सिस्टम एवं पैनिक बटन लगाना सभी यात्री बस के लिए अनिवार्य किया गया है, पर इसका ट्रायल सिटी बसों से किया जाएगा।