Saturday, June 28, 2025

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साढ़े 11 माह में 439 हादसों में 258 मौतें, 349 घायल

पिछले वर्ष की तुलना में हादसे और घायलों की संख्या कम, पर मौतें ज्यादा*

महासमुुंद। पिछले साढ़े 11 माह के अंदर जिले में हुए 439 सड़क हादसों में 258 लोगों ने जान गंवाई है और इन हादसों में 349 घायल भी हुए हंै। अच्छी बात ये है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष हादसे कम हुए और इनमें घायल होने वालों की संख्या भी कम पर मरने वालों की संख्या अधिक है।
पुलिस द्वारा दर्ज हादसों के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वर्ष सर्वाधिक 53 हादसे मई में हुए हैं जिसमें 25 मौतें हुई है और 35 घायल हुए हैं जबकि जून में 45 हादसे में 36 लोगों ने जान गंवाई और 18 घायल हुए हैं। इस माह 15 दिनों के अंदर 17 हादसे हुए जिसमें 10 की मौत और 14 घायल हुए हैं। बता दें कि पिछले नवंबर माह तक 426 हादसे में 236 की मौत और 349 घायल हुए थे। इधर, हादसों में कमी लाने के लिए पुलिस द्वारा जागरुकता अभियान के साथ ही नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई की जा रही है पर इसका कितना असर पड़ रहा है ये जिले में हुए हादसे और उससे हुई मौतें बता रही है।
*हादसे की वजह ओव्हरस्पीड, मोड़, हेलमेट व नशा
हादसों के कई कारण हैं, लेकिन प्रमुख कारण ओव्हर स्पीड, घुमावदार सड़कें, बाइक चालकों का हेलमेट नहीं पहनने के साथ ही शराब के नशे में वाहन चलाना है। पुलिस की मानें तो ओव्हरस्पीड और नशे में स्पीड पर ध्यान नहीं देने से हादसे ज्यादा होते है। सर्वाधिक सड़क हादसों का शिकार बाइक चालकों के साथ होते हैं जिन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है। डॉ सोहम हास्पिटल के संचालक डॉ युगल चंद्राकर का कहना है कि ज्यादातर हादसों में मौत सिर पर गंभीर चोट लगने से होती है।
*इस वर्ष के माहवार आंकड़े*
जनवरी में 30 हादसों में 14 की मौत और 23 घायल हुए हैं। इसी क्रम में फरवरी में 48 में 23 मौत 56 घायल, मार्च में 34 में 24 की मौत 20 घायल, अप्रैल में 31 में 27 मौत, 23 घायल, मई में 53 में 25 और 35 घायल, जून में 45 में 36 मौत, 18 घायल, जुलाई में 41 में 24 मौत 39 घायल, अगस्त में 37 में 18 मौत 38 घायल, सितंबर में 27 हादसों में 15 मौत और 15 घायल, अक्टूबर में 39 में 21 मौत और 43 घायल, नवंबर में 37 में 21 मौत और 25 घायल और इस माह 15 दिसंबर तक 17 हादसे में 10 की मौत और 14 घायल हुए हैं। 
*इन मार्गों में खतरनाक मोड़*
महासमुंद से तुमगांव मार्ग में जगह-जगह घुमावदार मोड़ है। इसी तरह महासमुंंंद से बागबाहरा और बागबाहरा से ओडि़शा सीमा तक एनएच 353 में भी जगह-जगह पर घुमावदार मोड़ हैं जहां हादसे होते हैं। इन मार्गों में लोगों की सर्वाधिक आवाजाही होती है।

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