*मंडी में आयोजित महाबइठका में प्रदेशभर से 28 किसान संगठन जुटेंगे*
महासमुुंंद। आगामी 21 अक्टूबर को कृषि उपज मंंडी में किसान महाबइठका आयोजित हैै। इस आयोजन में प्रदेशभर के करीब 28 किसान संगठन शामिल होने यहां पहुंचेंगे। उक्त बातें जिपं सदस्य और किसान नेता जुगनू चंद्राकर ने आज यहां पत्रकार वार्ता में कही।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि दिल्ली में चले ऐतिहासिक आंदोलन की दो प्रमुख मांगें थी। पहली मांग किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी तथा कॉर्पोरेट समर्थक कानूनों को निरस्त करना और दूसरी मांग स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी कृषि उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देना। जिससे किसानों को बारहों माह अपनी फसल का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम न मिले। उन्होने बताया कि किसान महाबइठका का आयोजन छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ रायपुर के बैनर तले आयोजित है। जिसमें करीब 40-50 हजार किसान यहां शामिल होंगे। वार्ता में तेजराम विद्रोही, शारदा श्रीवास्तव, पवन चंद्राकर और अजय साहू शामिल रहे।
*इन मांगों को लेकर महाबइठका
किसानों द्वारा आयोजित*
महाबइठका में केन्द्र सरकार से कुल पांच मांगें है उसमें दो प्रमुख मांग स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी फसलों की लागत से डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हो। सभी कृषि उपजों को बारहों माह न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की कानूनी गारंटी हो। इसी प्रकार राज्य सरकार से 17 मांगे है जिसमें से प्रमुख मांगों में सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों का दाना-दाना धान खरीदी जाए। भाजपा सरकार के दो साल का धान का बकाया बोनस दिया जाए। चिटफंड कंपनियों से किसान, मजदूर एवं आम अभिकर्ता, निवेशकों की राशि वापस दिलाई जाए। छग में किसान आयोग का गठन किया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत बकाया सभी किस्त हितग्राहियों को शीघ्र प्रदान की जाए।