*00 मुख्यालय के 14 केन्द्र आज भी किराए के भवन पर संचालित*
महासमुंद। जिले के 165 आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्वयं का भवन नहीं मिल पाया है। यही कारण है कि इनमें से अधिकांश या तो किराए के भवनों में या फिर अन्य शासकीय भवन या तो शासन द्वारा सामाज के लिए बनाए गए सामुदायिक भवनों में संचालित किए जा रहे हैं।
इधर, मुख्यालय में 14 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए विभाग के लिए जगह ही नहीं मिल पा रही है। जिससे केंद्र आज भी किराए के भवनों में संचालित हैं। जहां सुविधाओं का अभाव है। जिससे कार्यकर्ता, सहायिका और बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि जिले में कुल 1782 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं जिनमें 157 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। इनमें 132 स्वयं के भवन जबकि 25 किराए, शासकीय और सामुदायिक भवन में संचालित हो रहे हैं। वहीं 1630 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 1490 स्वयं के भवन में संचालित हो रहे हैं। शेष के लिए अब तक भवन निर्माण नहीं हो पाया है। हालांकि इसके लिए विभाग की ओर से प्रस्ताव शासन को भेजा गया है पर शासन की ओर से इसके लिए बजट के अभाव में स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में 16 जर्जर, पुन: निर्माण के लिए भेजा प्रस्ताव
विभाग के मुताबिक जिले में 16 आंगनबाड़ी केन्द्र जर्जर हो चुके हंै। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ग्रामीण विकास विभाग को पुन: निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उक्त आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन फिलहाल सामुदायिक भवनों में संचालित किया जा रहा है।
*शहर के 14 केन्द्रों के लिए मांग के हिसाब से जगह*
शहर में कुल 14 आंबा केन्द्र के लिए विभाग को मांग के हिसाब से जगह नहीं मिल पा रही है। विभाग ने बताया कि नियम के अनुसार केन्द्रों का निर्माण रिहायशी इलाके के मध्य कराए जाने का प्रावधान है लेकिन ऐसी रिहायशी इलाके में सरकारी जगह नहीं मिल पा रही है। वार्ड से दूर बनाने पर बच्चों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
*जिले में आंगनबाड़ी केन्द्र पर एक नजर*
आंगनबाड़ी 1630
मिनी आंबा 157
स्वयं के भवन 1622
किराए 87
शासकीय भवन 29
सामुदायिक भवन 49
जिले में जो आंगनबाडी भवन के अभाव में संचालित हो रहे हैं उनके लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। स्वीकृति और बजट मिलने पर निर्माण कराया जाएगा।
*समीर पांडेय*
महिला बाल विकास महासमुंद