00 दस्तावेज सर्च के लिए रोज दर्जनभर आवेदन
महासमुंद(संवाद साधना)*। बढ़ती महंगाई के बीच जमीन-खरीदी के पुराने दस्तावेज निकालना भी मंहगा पड़ेगा। शासन ने रजिस्ट्री दस्तावेज सर्च शुल्क में 90 फीसदी की वृद्धि कर दी है इसके लिए आवेदकों को प्रतिवर्ष 10 रुपए के हिसाब से शुल्क जमा करना होता था उसके लिए अब उन्हें 100 रुपए शुल्क देना होगा।
इधर, जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में दस्तावेज सर्च के लिए रोज दर्जनभर आवेदन आ रहे हैं जिससे विभाग को अतिरिक्त राजस्व मिल रहा है। विभाग के अनुसार दस्तावेज सर्च शुल्क पहले शासन ने 10 रुपए प्रतिवर्ष की दर से निर्धारित किया था जिसमें वर्षों बाद इस साल शुल्क को बढ़ाकर 10 से सीधे 90 रुपए कर दिया गया है। लिहाजा अब आवेदकों को 10 की जगह 100 रुपए देना होगा। इस तरह अगर कोई आवदेक 10 वर्षों का रिकॉर्ड मांगता है तो उन्हें 1 हजार रुपए जमा करना होगा। जिला पंजीयक डी मंडावी ने बताया कि दस्तावेज सर्च शुल्क में वृद्धि शासन ने बीते फरवरी माह में की है। वृद्धि की वजह जानकारों की मानें तो दस्तावेज सर्च के लिए रोज आ रहे आवदेन और इसके संधारण में हो रहे खर्च को देखते हुए बढ़ाया गया है। क्योंकि रिकार्ड रूम में दस्तावेजों को बारिश से ज्यादा दीमक और चूहों से बचाने की आवश्यकता पड़ती है जिसके लिए कीटनाशक दवाओं का उपयोग किया जाता है।
*1978 से अब तक का रिकार्ड मौजूद*
जिला रजिस्ट्री कार्यालय में वर्ष 1978 से अब तक रजिस्ट्री के दस्तावेज रखे हुए हैं। पुराने दस्तावेजों की इंडेक्स भी बनाई गई है, जिसके माध्यम से ही रजिस्ट्री दस्तावेजों की जानकारी दी जाती है लेकिन वर्ष 1990 के पहले के इंडेक्स दस्तावेजों की स्थिति जर्जर हो चुकी है। इंडेक्स को पलटते ही इसके पन्ने फटने लगते हैं जिसे काफी सहेजकर रखा गया है। इसलिए दस्तावेज सर्च कराने वाले आवेदकों को या तो लम्बे इंतजार के बाद जानकारी मिलती है या फिर कई लोगों को दस्तावेजों की जानकारी नहीं मिल पाती और सर्च के लिए दी गई राशि में चली जाती है।
*नए दस्तावेज ऑनलाइन, पुराने नहीं*
जानकारी के अनुसार विभाग के पास करीब 42 साल के जमीन-खरीदी बिक्री के रिकॉर्ड मौजूद हैं। इसमें करीब 22 साल पुराने रिकॉर्ड को कागज की स्थिति खराब होने की वजह से उसे स्कैन नहीं किया जा पा रहा है इसलिए ये दस्तावेज अब तक ऑनलाइन नहीं हो पाए हैं। लेकिन नए दस्तावेज स्कैन हो चुके हैं और विभाग ने इसे ऑनलाइन पोर्टल में अपडेट कर दिया है जिसके चलते नए दस्तावेज को लेकर विभाग को सर्च के आवेदन आने पर ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ती है।
*इसलिए पड़ती है दस्तावेज की आवश्यकता*
दस्तावेज की आवश्यकता लोगों को जमीन खरीदी से पूर्व सत्यापित करने के काम आती है। जिस व्यक्ति द्वारा जमीन बेची जा रही है वह जमीन की बिक्री कब हुई है और किसने खरीदी थी, वर्तमान में वह किसके नाम है और उसका पंजीयन और बटांकन हो पाया है या नहीं अन्य जानकारी के लिए लोग दस्तावेज सर्च कराते हैं।