कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है। जिसकी सोच भी कभी भाजपा के पास नहीं थी
महासमुंद ( संवाद साधना)। खरीफ विपणन साल 2022- 23 में समर्थन मूल्य पर धान और मक्का खरीदी की तैयारी की जा रही है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने जारी बयान में कहा कि इसके लिए छत्तीसगढ़ खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार एकीकृत किसान पोर्टल पर किसानों के नए पंजीयन और पंजीकृत फसल और रकबे में संशोधन की कार्यवाही भी 31 अक्टूबर तक की जाएगी. पंजीकृत किसानों से ही समर्थन मूल्य पर धान और मक्का की खरीदी राज्य सरकार करेगी। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत वन पट्टा धारक, ग्राम पंचायत और संयुक्त वन प्रबंधन समिति जो अपने उपलब्ध भूमि में वृक्षारोपण करते हैं, उन्हें भी पोर्टल में पंजीयन की पात्रता होगी। खरीफ मौसम की समस्त कृषि और उद्यानिकी फसल और धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टीफाइड धान और वृक्षारोपण करने वाले किसानों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन जरूरी है। एकीकृत किसान पोर्टल में नए पंजीयन के लिए ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। डा. रश्मि ने कहा कि भूपेश सरकार की किसान हितैषी नीतियों से बीते तीन सालों में छत्तीसगढ़ राज्य में खेती-किसानी खूब फली-फूली और समृद्ध हुई है, किसान भाईयों ने धान का भरपूर उत्पादन किया है और सरकार ने भी भरपूर धान की खरीद की है। तीन सालों में हर साल धान खरीद का रिकार्ड टूटा है, एक दिसम्बर से राज्य में धान की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो जाएगी।प्रोत्साहन राशि मिलाकर छत्तीसगढ़ के किसानों को इस साल प्रति क्विंटल 2640 रुपए मिलेगा। दीपावली पर्व के ठीक पहले राज्य सरकार प्रदेश के 21 लाख किसानों को 1500 करोड़ रुपए की सौगात देगी। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यह राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त के रूप में जारी करेंगे। इससे किसानों की दीवाली की खुशियां दोगुनी हो जाएंगी। कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने कहा कि वास्तव में 15 साल तक जन घोषणा पत्र को मज़ाक़ बना दिया था भाजपा ने।
भाजपा ने कहा था कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करेंगे, किसानों को फसल की लागत पर डेढ़ गुना जोडक़र दाम देंगे, नहीं दिया। भाजपा ने कहा था 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे, अभी तक किसानों की आय बढ़ाने कुछ भी नहीं किया। 2100 रुपए समर्थन मूल्य व 300 रुपए, 300 रुपए बोनस का झूठा वादा भी भाजपा ने किया था। भाजपा ने तो किसानों के साथ धोखाधड़ी ही की है।